अनदेखी के चलते नाले में तब्दील हो गई स्वर्ण रेखा को साफ नदी में बदलने की घोषणा कई बार हुई और इस पर खर्च भी खूब किया गया। जल संसाधन विभाग द्वारा करोड़ों खर्च कर इसे पक्का कर दिया गया, इसके बावजूद इसमें नाले के पानी को बहने से नहीं रोक पाए। जगह-जगह सीवर का पानी इसमें आ रहा था, जिसके कारण इसमें साफ पानी बहा ही नहीं। वहीं जल संसाधन विभाग ने 2010-11 में बोट क्लब की स्थापना की और कहा कि यहां साफ पानी में बोट चलेगी। इसके लिए नगर निगम ने 10 लाख रुपए की बोट भी खरीदीं, शुरू में कुछ दिन बोटिंग हुई, उसके बाद बोट पड़ी-पड़ी खराब हो गईं। अब स्मार्ट सिटी द्वारा स्वर्ण रेखा के सौंदर्यीकरण के लिए प्लानिंग की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार नदी के बांधों को संवारा जाएगा और इसके दोनों ओर सडक़ बनाई जाएगी, जिससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधरेगी।
40 करोड़ से बढ़ा बजट
स्मार्ट सिटी के तहत पहले स्वर्ण रेखा के सौंदर्यीकरण के लिए 40 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 120 करोड़ करने की तैयारी है। अधिकारियों के अनुसार प्रोजेक्ट बड़ा है, इसलिए बजट बढ़ गया है। हालांकि अभी इसे स्वीकृति नहीं मिली है।
यह दिखाए थे सपने
पहले यह किए गए थे काम
स्वर्ण रेखा पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए में जो काम कराए गए, उनमें हनुमान बांध से लेकर लक्ष्मीबाई समाधि स्थल तक सीसी लाइनिंग का कार्य किया गया। सीवर लाइन डाली गई, मेन ***** में जालियां लगाई गईं। फूलबाग चौपाटी के पास पानी को रोकने के लिए रानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल के पास गेट लगाए गए, यह गेट अब खराब हो चुके हैं।
फिर साफ पानी बहाने का दावा
स्मार्ट सिटी द्वारा 120 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है, उसमें भी साफ पानी बहाने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा स्वर्ण रेखा पर जो 5 ब्रिज पड़ते हैं, उन्हें भी संवारा जाएगा, इन पर लाइटिंग की जाएगी और फूलबाग बारादरी पर बोट क्लब को फिर चालू किया जाएगा।
डीपीआर बना रहे हैं
&स्वर्ण रेखा पर हमने पहले कोई खर्च नहीं किया है। हमारा प्रोजेक्ट करीब 120 करोड़ का है, फिलहाल डीपीआर बनाने का काम किया जा रहा है। हमारी प्राथमिकता नदी में साफ पानी लाने की है। इसके बाद ही आगे के काम किए जाएंगे।
महीप तेजस्वी, सीईओ स्मार्ट सिटी