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महज 6 फीसदी किसान ही पात्र, ज्यादातर किसानों को अगले महीने नहीं मिलेगी सम्मान निधि

kisan samman nidhi guna मध्यप्रदेश में किसान सम्मान निधि में नया अड़ंगा आ गया है।

गुनाDec 10, 2024 / 03:22 pm

deepak deewan

kisan samman nidhi guna

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मध्यप्रदेश में किसान सम्मान निधि में नया अड़ंगा आ गया है। यहां राजस्व महाअभियान 3.0 चल रहा है जिसमें गांव-गांव में शिविर लगाए जा रहे हैं फिर भी किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। फार्मर आईडी नहीं बन पा रही है जिससे ज्यादातर किसानों की किसान सम्मान निधि अगले महीने से अटक सकती है। गुना में तो हालात बेहद खराब हैं। यहां अभी तक महज 6 फीसदी किसानों की ही आई डी बनी है यानि केवल ये किसान ही योजना के पात्र हैं। ऐसे में जिले के ज्यादातर किसानों को अगले महीने सम्मान निधि नहीं मिलेगी। सर्वर की समस्या के कारण आईडी बनाने के काम में अड़ंगा आ रहा है।
गुना में राजस्व महाअभियान 3.0 के तहत राजस्व शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। शिविर प्रत्येक गांव और पंचायत स्तर पर चलाए ला रहे हैं। इसके तहत आधार, खसरा लिंक, फार्मर आईडी, पीएम सम्मान योजना पर कार्य किया जा रहा है। लेकिन सर्वर न आने से उक्त कार्य सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी उन किसानों को होगी जिनकी आईडी नहीं बन पाएगी। जनवरी से बगैर आईडी वाले किसानों को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
मप्र एग्रो स्टेट वेबसाइट पर लॉग इन और ओटीपी की समस्या की वजह से किसानों के किसान कार्ड बनने में देरी हो रही है। ऐसे में किसान कार्ड नहीं होने पर शासन की सम्मान निधि योजना के लाभ से भी किसान वंचित रह जाएंगे। जिले के बमोरी, चांचौड़ा और मधुसूदनगढ़ व आरोन ब्लॉक के जंगल क्षेत्र के गांवों में सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है। यहां किसानों की फार्मर आईडी नहीं बन पा रही है।
राजस्व महाअभियान 3.0 के तहत गुना जिले के 185286 किसानों की फॉर्मर आईडी बनाई जानी है। इनमें से 9 दिसंबर 2024 तक महज 12 हजार 61 यानि 6 फीसदी किसानों की ही फार्मर आईडी बन सकी है। अभी 94 प्रतिशत किसानों की फार्मर आईडी बनना शेष है। स्थिति यह है कि सर्वर डाउन रहने से एक दिन में सिर्फ एक या दो किसानों की फार्मर आई डी ही बन पाती है।
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किसान चिंतित
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए दिसंबर 2024 के बाद यानि जनवरी 2025 से फार्मर आईडी अनिवार्य कर दी है। अब सिर्फ फार्मर आईडी धारकों को ही पात्र माना जाएगा। इसके लिए किसान अपना मोबाइल नंबर आधार से लिंक कर नजदीकी सीएससी सेंटर, पटवारी या एमपी फार्मर रजिस्ट्री पोर्टल पर जाकर स्वयं रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
फार्मर रजिस्ट्री का उद्देश्य सभी जमीन- धारकों का आधार लिंक्ड डेटा तैयार करना है। इससे योजनाओं का नियोजन, लाभार्थियों का सत्यापन और कृषि उत्पादों का वितरण सरल और पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।

किसानों की आईडी नहीं बनने से न सिर्फ किसान बल्कि पटवारियों सहित सर्वेयर को भी परेशानी हो रही है। बताया जाता है कि एग्रो स्टेट वेबसाइट पर नाम मैच की भी समस्या होने के कारण किसान कार्ड नहीं बन पा रहे हैं।
किसान प्रेम सिंह, अमर सिंह ने बताया कि वे अपना काम काज छोडक़र फार्मर आईडी बनवाने तहसील कार्यालय आए लेकिन नाम मैच नहीं होने से फार्मर रजिस्ट्री आईडी नहीं बन पाई है। वहीं पटवारियों का कहना है कि दस्तावेजों में भिन्नता होने से भी समस्या आ रही है। वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है।
राजस्व अमला दिनभर इस काम में लगा रहता है। किसान भी दिनभर बैठे रहते हैं। गांव- गांव में शिविर लग रहे हैं। किसान अपने काम धंधे छोड़कर पटवारी और सर्वेयर के पास आ रहे हैं। इसके बावजूद किसान आईडी के काम की गति बेहद धीमी है।
गुना के एडीएम अखिलेश जैन के अनुसार राजस्व महा अभियान 3.0 के तहत अभी तक 12 हजार से ज्यादा किसानों की फार्मर आईडी बन चुकी है। अभी करीब 94 फीसदी और किसानों की आईडी बनना शेष है। कई गांवों में सर्वर की समस्या आ रही है इसलिए देरी हो रही है।
फार्मर रजिस्ट्री के ये होंगे फायदे

  1. पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ अनिवार्यता की शर्त के साथ आसानी से मिलेगा।
  2. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों के पंजीयन में सुगमता होगी।
  3. बार-बार सत्यापन की जरूरत समाप्त होगी।
  4. सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी रुकावट के मिल सकेगा।

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