प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का फोकस अपने स्टूडेंट और प्रोफेशनल को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए तैयार करने पर है। हम सेमीकंडक्टर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रहे हैं। भारत के लिए चिप का मतलब सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं है। हमारे यहां यह करोड़ एस्पिरेशन को पूरा करने का माध्यम है। आज भारत चिप का बहुत बड़ा कंज्यूमर है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। इस दशक के अंत तक देश के युवाओं के लिए 60 लाख जॉब क्रिएट होगी।
छोटी सी चिप बड़े-बड़े काम कर रही: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज छोटी सी चिप बड़े-बड़े कार्यों में सहायक है। भारत की टेक्नोलॉजी पर आधारित समाज अत्यंत विशिष्ट है। हमारे लिए चिप केवल तकनीक नहीं, बल्कि यह करोड़ों अनुभवों को पूरा करने का एक साधन है। भारत आज चिप का एक बड़ा उपभोक्ता है। इसी चिप के माध्यम से हमने दुनिया का सबसे बेहतरीन डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है। आज यह छोटी सी चिप देश में अंतिम व्यक्ति तक सेवाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “पीएम मोदी के मार्ग दर्शन और दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने IT सेक्टर, सेमीकंडक्टर, डेटा सेंटर और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पर विशेष ध्यान देने और इस दिशा में कुछ नए प्रयास हो सके ये कार्य प्रारंभ किया। पिछले कुछ वर्षों के दौरान जो प्रयास यूपी में प्रारंभ हुए आज उसका परिणाम है कि देश की मोबाइल विनिर्माण के 55% का मोबाइल कंपोनेंट के 50% उत्पादन प्रदेश में हो रहा है…”
29 देशों के प्रतिनिधि हो रहे शामिल
3 दिवसीय सेमीकॉन इंडिया में 29 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। 830 स्टॉल लगाए जाएंगे। तीन दिन में 50 हजार से ज्यादा कारोबारी यहां पहुचेंगे। ये कारोबारी भारत और अन्य देशों के होंगे, जिनको प्रदेश की सेमीकंडक्टर पॉलिसी से वाकिफ कराया जाएगा। ताकि देश में बनाए जा रहे सेमीकंडक्टर पार्क में वे निवेश करें और कंपनी खोले।5 लाख युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद
उत्तर प्रदेश का पहला सेमीकंडक्टर पार्क विकसित होने से पहले यह एक्सपो अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके माध्यम से लगभग 5 लाख युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है। साथ ही, सेमीकंडक्टर (इलेक्ट्रॉनिक चिप) बनाने में देश आत्मनिर्भर होगा।अभी सेमीकंडक्टर के मामले में भारत दूसरे देशों पर निर्भर
अभी फिलहाल सेमीकंडक्टर के मामले में भारत दूसरे देशों पर निर्भर है, जिनमें अमेरिका, चीन और ताइवान शामिल हैं। कोरोना काल और बीते समय चीन-ताइवान के बीच बढ़े तनाव के बीच सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में भारत को परेशानी का सामना करना पड़ा था। इसके बाद देश में सेमीकंडक्टर के उत्पादन की कवायद शुरू की जा रही है।कई कंपनियों के साथ एमओयू साइन
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का पहला सेमीकंडक्टर पार्क विकसित होगा। यमुना विकास प्राधिकरण ने सेमीकंडक्टर बनाने के लिए कई कंपनियों के साथ एमओयू साइन किए है। भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन में काफी पीछे है। अभी यहां सालाना लगभग 2,000 चिप ही डिजाइन किए जाते हैं, जबकि साल 2026 तक यहां सेमीकंडक्टर की खपत 55 बिलियन डॉलर और 2030 तक 110 बिलियन डॉलर से भी अधिक हो जाएगी। यह भी पढ़ें