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कुशीनगर के पडरौना तहसील क्षेत्र के मनिकौरा गांव के रहने वाले दिनेश प्रसाद रोजी रोटी कमाने के लिए सउदी अरब के दमाम जिले में नौकरी करने गए थे। वह सउदी अरब के दमाम जिले के रहने वाले अहमद सलेह अल अजहर का हाउस ड्राइवर का काम काफी दिनों से कर रहे थे। पीड़ित परिवार के अनुसार बीते महीना उन लोगों के पास फोन आया कि दिनेश की मौत 17 अक्तूबर को हो गई है।
कुशीनगर के पडरौना तहसील क्षेत्र के मनिकौरा गांव के रहने वाले दिनेश प्रसाद रोजी रोटी कमाने के लिए सउदी अरब के दमाम जिले में नौकरी करने गए थे। वह सउदी अरब के दमाम जिले के रहने वाले अहमद सलेह अल अजहर का हाउस ड्राइवर का काम काफी दिनों से कर रहे थे। पीड़ित परिवार के अनुसार बीते महीना उन लोगों के पास फोन आया कि दिनेश की मौत 17 अक्तूबर को हो गई है।
Read this also: शाकाहारी खाना मंगाया, खाने लगे तो दाल में निकलने लगी हड्डियां यह सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजन परेशान होकर वहां फिर फोन किए। बताया गया कि दिनेश की पार्थिव शरीर जल्द ही भारत भेज दी जाएगी। लेकिन एक महीना से अधिक समय होने के बाद भी दिनेश का पार्थिव शरीर नहीं पहुंच सका है। हिंदू परिवार में 16 दिन का पातक लगता है। लेकिन यह परिवार एक महीना से अधिक समय से इस स्थिति में है।
मृतक के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी करीब सात-आठ साल की है। बेहद गरीब परिवार विदेश मंत्रालय, स्थानीय सांसद से लेकर पीएमओ तक गुहार लगा चुका है। लगातार दूतावास से भी शव यहां पहुंचाने की मांग कर रहा है। बूढ़ी मां, पत्नी का तो रो रोकर बुरा हाल है।
मृतक के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी करीब सात-आठ साल की है। बेहद गरीब परिवार विदेश मंत्रालय, स्थानीय सांसद से लेकर पीएमओ तक गुहार लगा चुका है। लगातार दूतावास से भी शव यहां पहुंचाने की मांग कर रहा है। बूढ़ी मां, पत्नी का तो रो रोकर बुरा हाल है।