इस तरह काम करेगा फॉग डिवाइस फॉग डिवाइस में सिग्नल से पहले स्टेशन और समपार फाटक का नाम और नंबर गूंजने लगता है। स्क्रीन पर रेल लाइन के आगे के सिग्नल, फाटक और स्टेशन भी दिखने लगते हैं। फिलहाल, ट्रेन के सबसे पीछे लगने वाले कोच में लाल बत्ती की जगह फ्लैशिंग टेल लैंप लगने लगे हैं। रेल लाइनों पर पटाखों का चूने की मार्किंग का प्रयोग होने लगा है। रेल लाइन के किनारे खंभों पर रेट्रो रेट्रो रिफ्लेक्टर स्ट्रिप भी लगने लगे हैं। 15 नवंबर के बाद दृश्यता की जांच के बाद ही स्टेशनों पर ट्रेनों को सिग्नल मिलेगा।