वीडियो ने खोली घूसखोरी की पोल
डूडा के परियोजना अधिकारी विकास सिंह ने बताया कि वायरल वीडियो में एक संविदा कर्मचारी आवेदकों से पैसे लेते हुए दिख रहा था। इस गंभीर आरोप के मद्देनजर उसे तुरंत हटा दिया गया। परियोजना अधिकारी ने यह भी कहा कि जनसेवा केंद्र के किसी भी कर्मचारी को पूछताछ कक्ष में बैठने की अनुमति नहीं थी।
जानकारी देने के एवज में अवैध वसूली
नगर निगम परिसर में प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की जानकारी देने के लिए पूछताछ केंद्र बनाया गया था। वहां तैनात एक कर्मचारी, आवेदकों को जानकारी देने के बदले 50 से 100 रुपये मांग रहा था। इसके अलावा, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में ऋण स्वीकृत कराने के नाम पर एक अन्य कर्मचारी ओटीपी पूछकर क्यूआर कोड के जरिए पैसे मंगवाता था।
नए आवेदन नहीं, फिर भी दिए जा रहे थे फॉर्म
प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) के तहत फिलहाल नए आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। बावजूद इसके, पूछताछ केंद्र पर नए फॉर्म दिए जा रहे थे और उनकी प्रक्रिया बताने के लिए पैसे वसूले जा रहे थे। मामले के उजागर होने के बाद संबंधित कर्मचारी को नौकरी से हटा दिया गया है। घटना के बाद प्रशासन ने पूछताछ केंद्र को बंद कर दिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। योजना से जुड़े अन्य कर्मचारियों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।
कर्मचारियों पर रखी जाएगी चौकस नजर
यह घटना प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वनिधि योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं पर सवाल खड़ा करती है, जिनका उद्देश्य जरूरतमंदों की मदद करना है। लेकिन ऐसे मामलों से इन योजनाओं की साख को धक्का पहुंचता है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।