अयोध्या राम नगरी में चुनाव में बीजेपी की हुई हार को लेकर समीक्षा बैठक चल रही थी। योगी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह मौजूद थे। उनके साथ जिले के विधायक बीजेपी के पदाधिकारी तथा डीएम एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी वहां मौजूद रहे। चुनाव की समीक्षा की जा रही थी। इसी दौरान के संत राजू दास अपनी बात रखने के लिए समीक्षा बैठक में पहुंच गए। उन्होंने अयोध्या वासियों को लेकर शिकायत शुरू की तो अधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त किया। सूत्रों के मुताबिक डीएम के साथ राजू दास की जमकर बहस हुई। मौजूद लोग सन्नाटे में आ गए। कोई कुछ बोल नहीं पाया। इसी दौरान उनकी सुरक्षा हटा ली गई। बाहर निकले तो सुरक्षा कर्मी ने बताया कि उनको जाने के लिए फोन आ गया है। बता दें कि कुछ दिन पहले उनके एक सुरक्षाकर्मी को हटा लिया गया था। मीडिया से बातचीत करते हुए संत राजू दास ने बताया कि समीक्षा में हमारी बात सुनी गई। वह भाजपा के कार्यकर्ता हैं। अयोध्या के लोग व्यापारियों की पीड़ा पर बोले तो अधिकारी परेशान हो गए। संत राजू दास की टिप्पणी पर डीएम नितीश कुमार ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा कि उनका उद्देश्य सुरक्षा प्राप्त कर लोगों को प्रताड़ित करना नहीं है। सुरक्षा समिति की बैठक में उनकी सुरक्षा पर विचार हुआ। अपराधिक इतिहास खोजा गया तो बड़ा अपराधिक इतिहास मिला है। सन 2013-17 और 2023 में इनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। यह कभी अयोध्या वासियों को तो कभी प्रशासन को गाली देते हैं। उनसे कहा भी गया था कि आचरण ठीक रखना चाहिए। व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से किसी को गाली देना ठीक बात नहीं है। लेकिन वह अयोध्या में एक दूसरे तरह का माहौल बनाना चाहते हैं।