गोंडा जिले के महिला अस्पताल में शुक्रवार की रात उस समय हड़कंप मच गया। जब पैरामेडिकल स्टाफ ने करीब 15 महिलाओं को कोई इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगने के बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी। तीमारदारों के मुताबिक झटका आने के बाद उल्टी होने लगी। उसे समय रात में अस्पताल में कोई डॉक्टर भी मौजूद नहीं था। अस्पताल में हंगामा देख वहां के कर्मचारियों ने डॉक्टर को सूचना दिया। मौके पर डॉक्टर पहुंचे और महिलाओं को बाजार से मंगाकर कोई इंजेक्शन लगाया। उसके बाद हालत में सुधार होने लगा।
तीमारदार बोले- इंजेक्शन लगते ही आने लगा झटका बिगड़ गई तबीयत अस्पताल में भर्ती एक प्रसूता की सास ने बताया कि उसकी बहू का सीजर ऑपरेशन हुआ था। रात में नर्स ने उन्हें कोई इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगने के कुछ ही क्षणों में झटका आने लगा। उल्टी शुरू हो गई। यह हाल सिर्फ एक ही प्रसूता का नहीं बल्कि अस्पताल के कई वार्डों में भर्ती महिलाओं के साथ ऐसा हुआ। मेडिकल स्टाफ की सूचना के बाद डॉक्टर मौके पर पहुंचे। उन्होंने बाजार से डेक्सो नाम का कोई इंजेक्शन मरीज के तीमारदारों से मंगवाया उसे लगाने के बाद हालत में सुधार होने लगी। बरुआचेक गांव की रहने वाली कृष्ना ने बताया कि बहु को एक ऑपरेशन से लड़की हुई थी। वह ठीक-ठाक थी। जैसे ही नर्स ने इंजेक्शन लगाया उसके 5 मिनट बाद बहु कांपने लगी। सूचना पर पहुंचे डॉक्टर ने जब इंजेक्शन लगाया तब हालत में सुधार होने लगा। अब वह ठीक है। अस्पताल में भर्ती रीना सिंह के पति बब्बू सिंह ने बताया कि कल भर्ती हुए थे। ऑपरेशन हुआ पत्नी ठीक-ठाक थी। हम घर चले गए हमारी सिस्टर यहां थी। रात में फोन गया की इंजेक्शन लगने के बाद तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। इंजेक्शन लगते ही कांपने लगी। पूरे शरीर में जहर फैल गया शरीर काला पड़ गया है। उसके बाद डॉक्टर आए इलाज किया अब हालत में कुछ सुधार है।