परिजनों ने बच्चे को मोदीनगर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया और रेबीज का इंजेक्शन लगवा दिया। दो जुलाई को गांव भोजपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रेबीज की दूसरी डोज और छह जुलाई को तीसरी डोज लगवाई गई। इसके बाद बच्चे की हालात सामान्य हो गई।
हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया
हालत बिगड़ने पर बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पिता शिव कुमार ने बताया कि 19 जुलाई की सुबह नित्यांश की स्थिति अचानक खराब हो गई और उसके मुंह से लार निकलने लगी। परिवार ने तुरंत उसे मोदीनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन जब वहां उसकी हालत और बिगड़ गई, तो उसे मेरठ के सुभारती अस्पताल भेजा गया। सुभारती अस्पताल से भी उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेरठ मेडिकल के डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत देखकर उसे दिल्ली के एम्स अस्पताल भेजने की सलाह दी। हालांकि, एम्स में नित्यांश को भर्ती नहीं किया गया।दिल्ली के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत
पिता ने बताया कि एम्स में भर्ती न लेने पर परिवार उसे दिल्ली के एक निजी अस्पताल ले गया, लेकिन उसी दिन देर रात बच्चे की मौत हो गई। 20 जुलाई को परिजनों ने बिना किसी को सूचना दिए शव का अंतिम संस्कार कर दिया। यह भी पढ़ें