गालंद में बनने वाले सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए आठ बिल्डरों से 16.88 एकड़ जमीन मिलनी है। ताकि यहां पर मैनेजमेंट प्लॉट बन सके और गाजियाबाद के पूरे कूड़े को डम्प किया जा सके। पहले ये गाजियाबाद शहर में ही इसे तैयार कराया जा रहा था। लेकिन विवाद के बाद में गालंद की जमीन पर इसका बनाए जाना तय किया गया था। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की तरफ से एक साल से जमीन लेने के लिए प्रयास किया जा रहा है। कई बार नोटिस दिया गया, लेकिन बिल्डरों पर कोई असर नहीं पड़ रहा।
एनजीटी के आदेश के बाद भी जीडीए बिल्डर्स से गालंद में जमीन लेने में नाकाम साबित हो रहा है। इससे नाराज जीडीए उपाध्यक्ष रितु माहेश्वरी बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसके बाद जीडीए सचिव ने आठ बिल्डरों से 16.88 एकड़ जमीन हासिल करने का नोटिस जारी किया गया है। चेतावनी के रूप में कहा गया है कि यदि बिल्डर्स जल्द से जल्द जमीन उपलब्ध नहीं करवाते हैं तो उनकी बैंक गारंटी जब्त करने के साथ ही लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
प्राधिकरण की तरफ से मैसर्स उप्पल चड्ढा हाइटेक डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स क्रॉसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स अग्रवाल असोसिएट्स प्रमोटर्स लिमिटेड, मैसर्स सामग कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, मैसर्स लैंडक्राफ्ट डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स एसएमवी एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स एम्मार एमजीएफ लैंड लिमिटेड, मैसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ लाईसेंस निरस्त और बैक गारंटी जप्त किए लिए नोटिस जारी किया गया है।