बता दें कि बदमाशों ने गौरव चंदेल की सेलटोस कार का इस्तेमाल गाजियाबाद के थाना कविनगर इलाके में रहने वाले चिराग अग्रवाल की टाटा टियागो कार लूट में किया था। 15 जनवरी को पुलिस ने गौरव चंदेल की कार को तो बरामद कर लिया था, लेकिन चिराग की कार को बरामद नहीं कर सकी थी। पुलिस कयास लगा रही थी कि बदमाशों ने चिराग की कार लूटने के बाद गौरव चंदेल की कार थाना मसूरी इलाके के आकाशनगर में लावारिस हालत में खड़ी छोड़ गए और चिराग अग्रवाल की कार लूटकर फरार हो गए थे। इसके बाद से एसटीएफ, नोएडा पुलिस और गाजियाबाद पुलिस की टीम चिराग अग्रवाल की कार को खोजने में जुटी थी, ताकि गौरव चंदेल के हत्यारों तक पहुंचा जा सके।
इसी बीच 18 जनवरी की शाम थाना मसूरी इलाके की एक कॉलोनी में ही रहने वाले कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि एक टाटा टियागो कार लावारिस हालत में कॉलोनी में खड़ी है। सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जब कार को देखा तो कार की नंबर प्लेट पर हरियाणा नंबर था। जबकि कार के आगे के शीशे पर दूसरा नंबर लिखा था। जांच के बाद पुलिस को पता चला कि कार गाजियाबाद से लूटी गई चिराग अग्रवाल की ही है। इसके बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मौके से कार को कब्जे में ले लिया। अब फिर से बदमाश पुलिस के लिए चुनौती बन गए हैं। आश्चर्य की बात यह है कि गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में ही गौरव चंदेल की कार 15 जनवरी को बरामद हुई थी और अब उसी क्षेत्र में कुछ ही दूरी पर चिराग की गाड़ी भी बरामद हो गई है, लेकिन बदमाशों तक पुलिस अभी नहीं पहुंच पाई है। बहरहाल एसटीएफ, गाजियाबाद और नोएडा पुलिस के लिए यह हत्याकांड बड़ी चुनौती बना हुआ है।