यह भी पढ़ें- किसान नेताओं ने किया 5 फरवरी को शामली में महापंचायत का ऐलान बता दें कि कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान गाजियाबाद के यूपी गेट बॉर्डर पर धरने पर बैठे हुए हैं। 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से यहां धरने पर बैठे किसानों को उठाने के लिए जिला प्रशासन ने भी भरसक प्रयास किया और बड़ी संख्या में सुरक्षा बल भी तैनात किया गया, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत अडिग रहे। हालांकि वह भावुक हुए। उन्होंने कहा कि उनके भावुक होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक खुद अपने समर्थकों के साथ धरना स्थल पहुंचे और वहां किसानों के साथ गाली गलौज की। किसानों के तंबू फाड़े गए और उन्हें धमकाया गया।
आरोप यह भी है कि भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने राकेश टिकैत के लिए भी अपशब्द कहे। हालांकि इन जद्दोजहद के बाद भी किसान आंदोलन जीवित रहा और अब किसान नेता राकेश टिकैत के पक्ष में दूरदराज के किसान भी आने लगे हैं। वही, राकेश टिकैत ने भाजपा विधायक पर यह भी आरोप लगाया कि शुरुआती दौर में भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने किसानों को तमाम तरह की सुविधा उपलब्ध कराई थी। अब अचानक वह किसान आंदोलन को कुचलने का कार्य कर रहे हैं।
इस बात से लोनी इलाके के किसान भी बेहद गुस्से में भरे हुए हैं, जिसके चलते लोनी के बंथला गांव में सर्व समाज की बड़ी बैठक का आयोजन हुआ और उसमें भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया। इस पंचायत में बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रही और महिलाओं ने भी कहा वह भी पूरी तरह किसान आंदोलन का समर्थन करती हैं और यदि जो इसे कुचलने का प्रयास करेगा उसका भी पुरजोर विरोध किया जाएगा।