1980 में डीएम रह चुके हैं दुल्हन के बाबा गाजियाबाद में 1980 में जिलाधिकारी रहे राजेंद्र अग्रवाल की पोती नुपुर अग्रवाल ने न्यूरो सर्जन में डॉक्टरी की है। नुपुर के साथ ही यूसुफ नाम का एक युवक भी डॉक्टरी की पढ़ाई करता था। धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे के संपर्क में आए और दोनों की मोहब्बत परवान चढ़ती चली गई। आखिरकार दोनों ने अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद आपस में धर्म की परवाह न करते हुए कोर्ट मैरिज कर ली। इसकी सूचना दोनों ने अपने-अपने परिवार को दे दी थी। शुक्रवार को कवि नगर थाना क्षेत्र के नुपुर अग्रवाल के मकान पर एक पार्टी का आयोजन किया गया था। इसमें नुपुर अग्रवाल के अलावा उनका पति यूसुफ और उसके रिश्तेदार भी शरीक हुए। जैसे ही इस बात की भनक हिंदू संगठन के लोगों को लगी तो सभी इकट्ठा होकर नुपुर अग्रवाल के मकान पर जा धमके। वे लव जिहाद का आरोप लगाकर शादी का जमकर विरोध करने लगे। इसकी सूचना पुलिस को दी गई।
घर वालों को नहीं है कोई आपत्ति
पुलिस ने शुरुआती दौर में तो उन्हें समझा कर वापस भेज दिया क्योंकि पुलिस के सामने ही नुपुर अग्रवाल और उनके पति युसुफ के परिजनों ने सभी लोगों को बताया कि इस शादी से वे बेहद खुश हैं। दोनों ही पढ़े-लिखे हैं। दोनों के ही परिजन इनके फैसले का स्वागत करते हैं तो इससे दूसरे लोगों को या समाज के लोगों को क्या लेना देना। पुलिस को उन पर हल्का बल भी प्रयोग करना पड़ा, जिसके बाद वे उल्टे पैर वापस लौट गए। हालांकि, इस शादी का विरोध करने वाले लोगों ने गाजियाबाद की जिला अधिकारी रितु माहेश्वरी को भी लिखित में तहरीर दी है। उनका कहना है कि दोनों ने धर्म के विपरीत शादी की है। इससे माहौल खराब हो सकता है।
अज्ञात स्थान पर चले गए पति व पत्नी इसके बाद हिंदू रक्षा दल और भाजपा के कार्यकर्ता शादी के विरोध में एआरटी सेंटर के सामने धरने पर बैठ गए और उस सड़क को जाम कर दिया। काफी समझाने के बाद भी जब वे लोग वहां से नहीं हटे तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। एसएसपी एचएन सिंह ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शन करते लोगों से बात की। एसएसपी के जांच कराने का आश्वासन दिए जाने के बाद उन्होंने प्रदर्शन खत्म किया। इस बीच नुपुर और युसूफ किसी अज्ञात स्थान के लिए गाजियाबाद से रवाना हो गए।