यहां राक्षसों का हुआ करता था निवास
यहां पानी की झरझराहट की आवाज सुनाई देती है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। लेकिन, नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां बहुत कम शैलानियों का आना-जाना होता है। किवदंतियों और स्थानीय मान्यताओं के मुताबिक, रामायण काल में ये इलाका घने वनों से आच्छादित था। तब यहां राक्षसों का निवास हुआ करता था।रक्सा जलप्रपात इतिहास और संस्कृति का भी हिस्सा है…
मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान इस क्षेत्र को असुरों से मुक्त किया था। इस कारण से इसे ‘रक्सा’ नाम दिया गया, जो छत्तीसगढ़ी में राक्षस का अर्थ है। यहां की धरती पर राक्षसों के अवशेष भी मिलते हैं। रक्सा जलप्रपात केवल प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र के इतिहास और संस्कृति का भी हिस्सा है। यह भी पढ़ें
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सिर्फ बारिश के चार महीने ही सबसे उपयुक्त
यहां कई अन्य प्राकृतिक झरने भी हैं, लेकिन वे गुमनामी के गर्त में समा गए हैं। इस खुबसूरत जलप्रपात की सुंदरता को देखने के लिए जब आप घने जंगलों को पार करते हैं, तो आप इसका अद्वितीय अनुभव महसूस करते हैं। रक्सा जलप्रपात का आनंद लेने के लिए सिर्फ बारिश के चार महीने ही सबसे उपयुक्त हैं। इस दौरान जलप्रपात अपनी पूरी छटा बिखेरता है। लेकिन, प्रशासन की ओर से यहां सुरक्षा और पर्यटन संबंधी इंतजामों की कमी साफ नजर आती है।
इस अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का लें आनंद
CG Waterfall: यदि स्थानीय प्रशासन इस प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने और इसे पर्यटकों के लिए सुलभ बनाने के लिए ठोस कदम उठाए, तो यह क्षेत्र एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता है। स्थानीय लोगों ने इस जलप्रपात की सुरक्षा और विकास के लिए प्रशासन से अनुरोध किया है। वे चाहते हैं कि यहां सही सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि लोग इस अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकें। मान्यता और ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए इसे संरक्षित किया जाना चाहिए।