इन कंपनियों को दिए बैंक लोन हुए डिफॉल्ट
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यस की ओर से कुछ ऐसे निर्णय लिए थे, जो पूरी तरह बैंक और खाताधारकों के हित में नहीं थे। वहीं उन्होंने आरबीआई के नियमों का भी पालन नहीं किया था। उन्होंने बताया कि यस बैंक ने अनिल अंबानी, एसेल ग्रुप, डीएचएफएल, वोडाफोन जैसी कंपनियों को लोन दिया, जिनकी रिकवरी नहीं हो सकी और वो रुपया डिफॉल्ट हसे गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सभी लोन के मामले 2014 से पहले यूपीए शासनकाल के हैं।
11 महीने से RBI के संपर्क में भी सरकार
वित्त मंत्री ने बताया कि हम लगातार यस बैंक पर नजर बताए हुए थे। बैंक की कार्य प्रणाली को भी अच्छे से वॉच किया जा रहा था, वहीं यस बैंक को लेकर 11 महीनों से आरबीआई के साथ भी संपर्क में थे। इसके अलावा सेबी भी सितंबर से यस बैंक पर अपनी निगरानी रखे हुए था। आपको बता दें कि सेबी ही शेयर बाजार को संचालित करता है। यस बैंक ने कुछ ऐसे काम किए जिसकी वजह से सरकार और खाताधारकों को यह दिन देखना पड़ रहा है।
यस बैंक ने दिखाई है दिलचस्पी, आरबीआई ने री-स्ट्रक्चरिंग प्लान का ऐलान
पत्रकारों से बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की ओर से यस बैंक में दिलचस्पी दिखाई दी है। बैंक का नया बोर्ड टेकओवर तब करेगा जब री-स्ट्रक्चरिंग प्लान सामने आएगा। इससे पहले आरबीआई की ओर से बैंक का बोर्ड पूरी तरह भंग कर दिया था और एसबीआई के सीएफओ प्रशांत कुमार प्रबंधक बना दिया था। वहीं दूसरी ओर आरबीआई ने यस बैंक के री-स्ट्रक्चरिंग प्लान को रिवील कर दिया है। जानकारी के अनुसार आरबीआई की वेबसाइट पर इस पूरे प्लान को अपलोड कर दिया गया है।
आखिर कौन है जिम्मेदार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार उन्होंने क्रक्चढ्ढ से इस पूरे मामले की जांच करने को भी कहा है। उन्होंने बताया यस बैंक की यह हालत एक दिन या साल में नहीं हुई है। इसका आंकलन करने के लिए आरबीआई को कह दिया गया है। अब आरबीआई बैंक में इन तमाम समस्याओं के कारणों को खोजने की कोशिश करेगा। साथ ही इन सब के लिए कौन जिम्मेदार हैं उसकी पहचान कर कार्रवाई भी की जाएगी।
नहीं होगा कोई प्रभावित
निर्मला सीतारमण ने इस बात को साफ कर दिया कि बैंक में जमा किसी भी राशि प्रभावित नहीं होगी। वहीं देनदारियों पर भी किसी का नुकसान नहीं होगा। वहीं दूसरी ओर बैंक के कर्मचारियों को आश्वासन दिया । उन्होंने कहा कि कम से कम एक साल के लिए बैंक में काम करने वालों का रोजगार और वेतन सुनिश्चित होगा। यानी आने वाले एक साल के लिए यस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित हो गई है।