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पुजारियों और संयोजकों में चिंता, कार्रवाई की मांग
जन्नाथ पुरी मंदिर के दैतापति विनायक दास महापात्रा के अनुसार आरबीआई के फैसले के बाद मंदिर के सभी पुजारी और सेवक काफी टेंशन में आ गए हैं। मंदिर के संयोजक ने मंदिर प्रबंधकों पर सवाल उठाए और कहा कि आखिर किसी प्राइवेट बैंक में मंदिर का रुपया क्यों जमा कराया। उन्होंने इसको गैरकानूनी और अनैनिक करार दिया। उन्होंने कहा कि थोड़े से ज्यादा ब्याज के लिए प्राइवेट में जमा कराकर मंदिर के रुपए को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया है। संयोजक और पुजारियों ने मंदिर प्रबंधकों पर जांच की मांग की और कढ़ी कार्रवाई करने को कहा है।
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पुलिस में भी की थी शिकायत
पुजारियों और संयोजक के अनुसार जब मंदिर का रुपया प्राइवेट बैंक में जमा कराया जा रहा था तब भी उनकी ओर से विरोध किया गया था। यहां तक कि इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी गई थी और मामले को दर्ज भी कराया गया था, लेकिन पुलिस की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं दूसरी ओर विधि मंत्री प्रताप जेना ने बताया कि मंदिर का रुपया बचत खातों यानी सेविंग्स अकाउंट्स में नहीं जमा कराया गया है। बल्कि फिक्स्ड डिपोजिट के रूप में जमा कराया गया है। ऐसे में मंदिर और पुजारियों को चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है।