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पीएसबी में खराब शासन के कारण एनपीए बढ़ा: RBI

RBI ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में मजबूत कॉरपोरेट शासन की संस्कृति और जवाबदेही का आह्वान किया।
निजी बैंकों में मुकाबले पीएसबी में एनपीए ज्यादा

Nov 17, 2019 / 12:52 pm

manish ranjan

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ( rbi ) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बढ़ रही गैरनिष्पादित परिसंपत्तियों पर रोक लगाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में मजबूत कॉरपोरेट शासन की संस्कृति और जवाबदेही का आह्वान किया। आरबीआई गवर्नर ने अहमदाबाद में एक सम्मेलन में कहा, “मौजूदा समय में पीएसबी को जो समस्याएं प्रभावित करती हुई दिखती हैं, जैसे कि एनपीए का बढ़ता स्तर, पूंजी की कमी, फ्रॉड और अपर्याप्त जोखिम प्रबंधन, ये सभी कॉरपोरेट शासन के मुद्दों के कारण हैं।”
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जोखिम प्रबंधन पर हो विशेष जोर

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि नियंत्रण, ऑडिट और बिजनेस व जोखिम प्रबंधन के बारे में खास सूचना की उचित प्रणाली स्थापित कर एक अनुपालन संस्कृति कायम करने में स्वतंत्र बोर्ड की भूमिका को कुछ पीएसबी में आवश्यक पाया गया है, जहां बड़ी मात्रा में एनपीए हैं।
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निजी बैंकों में मुकाबले पीएसबी में एनपीए ज्यादा

आरबीआई गवर्नर ने इसके अलावा यह भी कहा कि कुछ बैंकों में अकुशलता और अक्षमता के मुद्दों के कारण बोर्ड बिजनेस संबधित जोखिमों को ठीक से समझ नहीं पाए। दास ने कहा कि पीएसबी में एनपीए निजी और विदेशी बैंकों की अपेक्षा अधिक बढ़ा है।

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