रियल-टाइम ग्राॅस सेटलमेंट ( RTGS ) सिस्टम के जरिए बड़ा फंड ट्रांसफर किया जाता है, वहीं नेशनल इलेक्ट्राॅनिक फंड्स ट्रांसफर ( NEFT ) के जरिए 2 लाख रुपये तक के फंड को ट्रांसफर किया जाता है।
डिजिटल लेनदने को बढ़ावा देने की कोशिश
इंडियन बैंक एसोसिएशन ( IBA ) के चेयरमैन सुनील मेहता का कहना है कि डिजिटल लेनदेन ( Digtital Transaction ) को बढ़ावा देने के लिए RBI ने यह फैसला लिया है। इसके बाद अब कोई भी बैंक फंड ट्रांसफर के लिए ग्राहकों से चार्ज नहीं वसूल सकेगा। बता दें कि देश का सबसे बड़ा बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक ( SBI ) NEFT के जरिए फंड ट्रांसफर करने पर 1 रुपये से लेकर 5 रुपये तक चार्ज करता है। वहीं, RTGS के माध्यम से फंड ट्रांसफर करने के लिए यह बैंक 5 रुपये से लेकर 50 रुपये तक चार्ज करता है।
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एटीएम शुल्क भी कम करने की तैयारी
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने लेनदेन पर बैंकों द्वारा चार्ज न लेने का फैसला लिया है। इसके पहले बैंकों द्वारा फंड ट्रांसफर करने के लिए आरबीआई मिनिमम चार्ज लगाता है। बता दें कि आरबीआई ने एक उच्च-स्तरीय कमेटी का भी गठन किया है, जो बैंकों द्वारा एटीएम चार्जेज और फीस पर चर्चा की। इस कमेटी की अध्यक्षता आईबीए के चीफ एग्जिक्युटिव वी जी कन्नन करेंगे।
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