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बजट 2019: खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के लिए सरकारी सब्सिडी में केवल इतनी हो सकती है बढ़ोतरी

दुनिया के सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के लिए दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी में केंद्र सरकार इस बार अंतरिम बजट में 6.5 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी। अगर ऐसा होता है तो ये पिछले तीन साल की सबसे कम बढ़ोतरी होगी।

Jan 31, 2019 / 03:58 pm

Dimple Alawadhi

बजट 2019: खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के लिए सरकारी सब्सिडी में केवल इतनी हो सकती है बढ़ोतरी

नई दिल्ली। आगामी अंतरिम बजट पर सभी क्षेत्रों की नजरें टिकी हैं। सबको उम्मीद है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट में उनके लिए हम घोषणाएं की जाएंगी। ऐसा कहा जा रहा है कि दुनिया के सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के लिए दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी में केंद्र सरकार इस बार अंतरिम बजट में 6.5 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी। अगर ऐसा होता है तो ये पिछले तीन साल की सबसे कम बढ़ोतरी होगी। इसका सीधा असर किसानों से फसल की सरकारी खरीद और गरीबों के लिए सस्ते दामों पर दिए जाने वाले राशन पर पड़ेगा।


सरकार ले सकती है ये निर्णय

लोगों का मानना है कि सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में खाद्य सब्सिडी के लिए 1.8 खरब रुपए के प्रावधान करने का निर्णय ले सकती है। आपको बता दें कि किसानों की फसल की कम कीमतों की भरपाई करने के लिए सरकार को विभिन्न तरह के भुगतान करने हैं। दुनिया के सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के लिए सब्सिडी में 6.5 फीसदी की बढ़ोतरी लागत को पूरा कर पाने में सक्षम साबित नहीं होगी।


क्या है खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम ?

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सरकारी कंपनी भारतीय खाद्य निगम (FCI) किसानों से एक निश्चित दाम पर चावल और अनाज खरीदती है। इसके बाद सरकारी एजेंसियां राशन व्यवस्था के तहत ये खाद्य पदार्थ देश की जनसंख्या के 67 फीसदी लोगों को बाजार मूल्य से तकरीबन 1/10 वें दामों पर उपलब्ध कराती हैं। बजट में दी जाने वाली सब्सिडी का बड़ा हिस्सा किसानों को उनकी फसल का ऊंचा दाम देने और इसके बाद बेहद कम दाम पर जनता को खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने में खर्च हो जाता है।

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