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सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि एफपीआई पर कर प्रस्ताव की तत्काल समीक्षा की जाए और कोई समाधान पेश किया जाए, ताकि इन संस्थानिक निवेशकों पर नए कर का प्रभाव घट सके।
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पांच जुलाई को बजट पेश किए जाने तक एफपीआई द्वारा की गई सभी कमाई के ग्रैंडफादरिंग के एक प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, जिससे नए कराधान का प्रभाव लगभग एक-तिहाई कम हो जाएगा। इसे अपेक्षाकृत एक अधिक स्वीकार्य समाधान माना जा रहा है, क्योंकि वित्त मंत्रालय ने अपने कर प्रस्तावों पर लगातार एक कड़ा रुख बनाए रखा है, जो एफपीआई को प्रभावित करते हैं।
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सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सात अगस्त की मौद्रिक नीतिगत समीक्षा के बाद इस सप्ताह बदलावों की घोषणा कर सकता है। आरबीआई अपनी तरफ से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है, ताकि बाजार में तरलता बढ़े और निजी क्षेत्र निवेश चक्र को फिर से शुरू करें।
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