1. एनुअल चार्ज
बैंकों के हिसाब से एनुअल चार्ज अलग अलग होते है। हालांकि कुछ बैंक यह शुल्क नहीं लेते है। वहीं कुछ बैंक ग्राहके सामने शर्त रखते है कि आपको हर साल इतने रुपए की शॉपिंग करना जरूरती है। कुछ बैंक बिल को कार्ड से कनेक्ट करने के लिए सालाना शुल्क का ऑफर भी देते है। क्रेडिट कार्ड लेने से पहले बैंक और एग्जीक्यूटिव इसके बारे में कभी नहीं बताते है।
2. बकाया पर ब्याज
कुछ लोग सोचते है कि मिनिमम अमाउंट पे करने पर बयाज नहीं लगेगा। अगर आप भी ऐसा सोचते है, तो यह बिल्कुल गलत है। मिनिमम अमाउंट जमा करवाने पर आप पेनाल्टी से बच जाते हैं। बहुत कम लोगों पता है कि इसपर 40 से 42 प्रतिशत का भारी-भरकम ब्याज तो देना होगा।
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3. कैश निकालने पर चार्ज
अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग जरूरत पड़ने पर क्रेडिट कार्ड से कैश निकवाते है। कम लोगों को पता है कि पैसे निकालते ही बैंक चार्ज लगाना शुरू कर देता है। कार्ड से शॉपिंग करने सुविधा मिलती है। लेकिन कैश निकाते है तो इसके बदल में शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। कार्ड जारी करने से पहले अक्सर बैंक यह नहीं बताता है।
4 सरचार्ज का रखें ध्यान
क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल और डीजल भरवाने पर सभी बैंक सर चार्ज वसूलते है। हालांकि कुछ इस चार्ज को रिफंड में देते है। एक बात हमेशा ध्यान रखना चाहिए रिफंड की एक तय सीमा होती है। यदि कोई उससे ज्यादा तेल का पेमेंट करता है तो उसे चार्ज रिफंड नहीं मिलता है।
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5. ओवरसीज ट्रांजेक्शन चार्ज
सभी बैंक क्रेडिट कार्ड जारी करने से पहले ग्राहक को सिर्फ फायदे ही बताता है। बैंक वाले कहते है कि आप कार्ड से विदेश में भी ट्रांजेक्शन कर सकते है। लेकिन यह नहीं बताते है कि इसपर कितना चार्ज लगेगा। अगर कार्ड से विदेश में ट्रांजेक्शन करते है तो इसके बारे में आपको चार्ज देना पड़ता है।