शनि अमावस्या : ऐसे शुरू हुई शनिदेव पर तेल चढ़ाने की परम्परा, जानें अद्भूत रहस्य
शारदीय नवरात्र में इन नियमों का पालन करने से नौ दिन तक किये गये जप तप का शुभ फल मिलता है।
1- नौ दिनों तक प्रतिदिन सुबह 6 बजे तक स्नान कर ही लेना चाहिए, एवं हर दिन धुले हुए वस्त्रों को ही धारण करें।
2- दिन में केवल एक बार सात्विक भोजन करना चाहिए।
3- नौ दिनों तक घर का बना हुआ भोग ही माता रानी को अर्पित करना चाहिए और अगर संभव नहीं है तो दूध और फलों का भोग भी लगा सकते हैं।
4- नौ दिनों तक घर के पूजा स्थल एवं नजदीक के मंदिर में सुबह एवं शाम को गाय के घी का दीपक जलायें।
5- संभव हो तो नौ दिनों तक 7 साल से छोटी दो कन्याओं को फल या अन्य कोई उपहार शाम के समय अवश्य भेंट करें।
6- नौ दिनों तक माता के बीज मंत्रों का जप, चालीसा, आरती, स्त्रोत आदि का पाठ अनिवार्य रूप से करना चाहिए।
7- संभव हो नौ दिनों तक गाय के घी का अखण्ड दीपक अवश्य जलाना चाहिए।
8- दुर्गा सप्तशती या देवी माहात्म्य पारायण कराने से जीवन में उत्कृष्ट प्रगति, समृद्धि और सफलता मिलती है।
शत्रु हो या कोई बड़ा संकट माँ दुर्गा करेंगी हमेशा रक्षा, नवरात्र में हर रोज करें इस स्तुति का पाठ
आश्विन मास की शारदीय नवरात्र में ऐसी गलती करने से बचें-
1- नवरात्र प्रतिपदा से लेकर एकादशी तिथि तक अपने नाखूनों को बिलकुल भी नहीं काटे।
2- नवरात्र के दिनों में अपने बाल भी नहीं कटवाना चाहिए।
3- इस अवधि में सिलाई-बुनाई का काम भी नहीं करना चाहिए।
4- इस अवधि में किसी निंदा भी नहीं करना चाहिए, झूठ नहीं बोलें एवं मुधभाषी बने रहे।
5- प्रयास करें की नौ दिनों तक घर में झाड़ू के स्थान पर पोछे का प्रयोग करें।
6- नौ दिनो तक यदि संभव है तो घर में चप्पल मत पहनों या पूजा कक्ष में चप्पल पहन कर प्रवेश करने से बचो, चमड़े से बनी वस्तुओं का भूलकर भी प्रयोग ना करे।
7- शराब, मांस, तंबाकू जैसी अन्य पदार्थों का सेवन नहीं करें।
8- नौ दिनों तक किसी भी महिलाओं का अपमान नहीं करें।
9- 9 दिनों तक किसी को भी दुख न पहुंचाने का संकल्प लें।
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