पितृ पक्ष 2019 : सबसे पहले इनका श्राद्ध कर्म करने से पित्रों की अतृप्त आत्माओं की मिल जाती है मुक्ति
शास्त्रों के अनुसार अगर पितृपक्ष या पितरों की पुण्य तिथि उनके परिवार का कोई सदस्य उनकी याद में अगर इनमें से कोई भी एक पेड़ के पौधे का रोपण करते हैं तो वे तृप्त होकर मन की सभी इच्छाएं पूरी कर देते हैं। जानें पितृ पक्ष में कौन-कौन से पौधे लगाना चाहिए।
– पीपल वृक्ष को देव वृक्ष भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें भगवान विष्णु वास करते हैं। मान्यता ऐसी भी है कि पीपल वृक्ष में पित्रों का निवास स्थान भी होता है और वहीं से श्राद्ध की तिथियों के अनुसार अपने परिजनों के पास सुक्ष्म रूप से जाते हैं। पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त निकाले गए अन्न को ग्रहण करके प्राणवायु के रूप में पीपल पर लौट आते हैं। इसलिए कहा जाता हैं कि अपने पित्रों की याद में किसी मंदिर या अन्यत्र कही पवित्र स्थान पर पीपल का पेड़ लगाना चाहिए। पीपल वृक्षों की आयु सैकड़ों वर्षों की होती है, इसलिए इस पेड़ को लगाने से पितरों का आशीर्वाद भी चिरकाल तक अपनी संतानों को मिलते रहता है जिससे वे जीवन में सदैव में फलते फूलते हैं।
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– पितृपक्ष में पीपल के अलावा बरगद, मदार, पलाश, खैर, चिचड़ा, गूलर, कुशा, तुलसी, आम एवं जामुन का पौधा लगाने से भी पितर अति प्रसन्न होकर संतानों की हर इच्छाएं पूरी करते हैं। मान्यता है कि अगर किसी की ‘मृत्यु के बाद के उसके सभी क्रियाकर्म पीपल वृक्ष के नीचे किये जाते हैं तो उस मृत आत्मा को मोक्ष मिलता है। अगर तर्पण में तुलसी का प्रयोग किया जाता है कि इससे पितृ संतुष्ट हो जाते हैं।
पितृपक्ष में पितरों को पिंडदान आदि कर्म करने के बाद एक पौधा पीपल, बरगद या आम का पौधा जरूर लगाना चाहिए, क्योंकि उस पौध को लगाने के बाद जब जल दिया जाता है तो उस जल का भाग पितरों को सीधे मिलता है और उसे ग्रहण कर वे तृप्त हो जाते हैं। इसलिए अपने पितरों की याद में उपरोक्त पौधों में से किसी भी एक पौधे का रोपण इस पितृ पक्ष में जरूर करें, अगर संभव हो तो पितृ पक्ष में घर के छोटे बच्चों से लगवाएं पौधे।
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