scriptअक्षय तृतीया के दिन जन्मे भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम, सर्वसिद्ध मुहूर्त में दान कर कमाएं पुण्य | Parshuram, the sixth incarnation of Lord Vishnu, was born on Akshaya Tritiya. Earn virtue by donating at the most auspicious time | Patrika News
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अक्षय तृतीया के दिन जन्मे भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम, सर्वसिद्ध मुहूर्त में दान कर कमाएं पुण्य

भगवान परशुराम का प्राकट्य काल प्रदोष काल और शुक्रवार के दिन माना गया है। इस वर्ष परशुराम जयंती भी शुक्रवार को पड़ रहा है जिसके वजह से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।

जगदलपुरMay 06, 2024 / 07:42 am

Kanakdurga jha

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Parshuram Jayanti And Akshay Tritiya: आने वाले 10 मई को भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जयंती है। आज ही के दिन युधिष्ठिर को अक्षय पात्र मिला था जो कभी खाली नहीं होता। इस दिन सर्वसिद्ध मुहूर्त होता है अक्षय तृतीया के दिन किया गया दान,पुण्य, और जप, तप इस दिन का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है। भगवान परशुराम का प्राकट्य काल प्रदोष काल और शुक्रवार के दिन माना गया है। इस वर्ष परशुराम जयंती भी शुक्रवार को पड़ रहा है जिसके वजह से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
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दान-पुण्य का महत्व

शास्त्रों में बताया गया है कि अक्षय तृतीया के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था तथा युधिष्ठिर को अक्षय पात्र भी आज ही के दिन मिला था। मान्यताओं के मुताबिक इस पात्र का भोजन कभी समाप्त नहीं होता । यह मान्यता भी है कि इस दिन किया जाने वाला दान-पुण्य कभी क्षय नहीं होता वहीं आज के दिन किया गया जप तप भी नाश नहीं होता।

कौन है भगवान परशुराम

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने अपने छठे अवतार के रूप में इस दिन ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के यहां जन्म लिया था। परशुराम का नाम राम था किन्तु परशुराम भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्रसन्न किया जिससे उन्हें वरदान में अस्त्र के रूप में अपना फरसा दिया जिसके बाद वे भगवान परशुराम कहलाए। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान परशुराम ने क्षत्रियों का दंभ चूर करने के लिये 21 बार उनका संहार किया। भगवान शिव से नहीं मिलने देने पर क्रोधित होकर परशुराम ने गणेश जी का दांत तोड़ दिया था जिसके बाद गणेश जी एकदंत कहलाए।

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