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मलयालम सोलर कैलेंडर के अनुसार चिंगम महीने में मनाया जाता है, यह मलयालम कैलेंडर का पहला महिना होता जो, ज्यादातर हिन्दू कैलेंडर के अनुसार अगस्त या सितम्बर माह में आता है। जब थिरूवोनम नक्षत्र महीने में आता हैं उसी दिन ओणम का त्यौहार मनाया जाता है। थिरूवोनम नक्षत्र को हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रवना कहा जाता है। इस बार साल 2019 में ओणम 1 सितंबर दिन रविवार से शुरू होकर 13 सितंबर दिन सोमवार तक चलेगा। 10 दिन तक चलने वाले इस त्यौहार में थिरूवोनम का दिन सबसे महत्तवपूर्ण होता है।
ओणम त्योहार के 10 दिन
1- अथं- पहला दिन होता है, जब राजा महाबली पाताल से केरल जाने की तैयारी करते हैं।
2- चिथिरा- फूला कालीन जिसे पूक्क्लम कहते, बनाना शुरू करते हैं।
3- चोधी- पूक्क्लम में 4-5 तरह के फूलों से अगली लेयर बनाते हैं।
4- विशाकम- इस दिन से तरह तरह की प्रतियोगितायें शुरू हो जाती है।
5- अनिज्हम- इस दिन नाव की रेस की तैयारी होती है।
6- थ्रिकेता- छुट्टिया शूरू हो जाती है।
7- मूलम- इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा शुरू हो जाती है।
8- पूरादम- इस दिन महाबली और वामन की प्रतिमा घर में स्थापित की जाती है।
9- उठ्रादोम- इस दिन महाबली केरल में प्रवेश करते हैं।
10- थिरूवोनम- यह मुख्य त्यौहार होता हैं।
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प्रचलित एक कथा के अनुसार राजा महाबली ने भगवान विष्णु से अपनी प्रजा से साल में केवल एक बार मिलने की अनुमति मांगी थी, और भगवान की अनुमति मिलने पर राजा महाबली अपनी को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं। इसलिए ओणम का त्यौहार राजा महाबली की याद में मनाया जाता है।
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