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खीर या लड्डू ही नहीं, मखाने से बना इडली-डोसा, पास्ता भी लोगों को भा रहा

पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण सुपर फूड माने जाने वाले मखाने का उपयोग अब सिर्फ पर्व-त्योहार या धार्मिक अनुष्ठानों तक ही सीमित नहीं रह गया है। अब इसका उपयोग खीर जैसे व्यंजनों के साथ ही इडली-डोसा, पास्ता, पोहा और चाय में भी हो रहा है। बिहार सरकार की ओर से शहर के पैलेस […]

बैंगलोरDec 07, 2024 / 08:04 pm

Bandana Kumari

Samrat Choudhary, Deputy Chief Minister of Bihar with Mangal Pandey, Health and Agriculture Minister GoB and others inaugurated the Makhana Mahotsav at Palace Grounds, in Bengaluru on Friday 6th December 2024

पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण सुपर फूड माने जाने वाले मखाने का उपयोग अब सिर्फ पर्व-त्योहार या धार्मिक अनुष्ठानों तक ही सीमित नहीं रह गया है। अब इसका उपयोग खीर जैसे व्यंजनों के साथ ही इडली-डोसा, पास्ता, पोहा और चाय में भी हो रहा है। बिहार सरकार की ओर से शहर के पैलेस मैदान के किंग्स कोर्ट में आयोजित दो दिवसीय मखाना महोत्सव के पहले दिन शुक्रवार को मखाने के कई तरह के आइटमों के स्टॉल लगाए गए थे। अलग-अलग अंदाज में स्टॉलों पर मखाने के आइटमों को सजाया गया था। आगंतुकों ने स्टॉल से सुपर फूड मखाना के बने स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद चखने के साथ मखाना व मखाना से बने विभिन्न प्रकार के फूड आइटमों की खरीदारी भी की। लोगों ने मखाना के बारे में भी स्टॉल पर जाकर जानकारियां हासिल की। मेले का उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने किया।अलग-अलग रेसिपी के बारे में जान हुए रोमांचित
मखाना के व्यंजनों को परोस रही सुनीता सिंह ने बताया कि मखाना की खीर, चाट, लड्डू, कुकीज, मखाना पास्ता, इस्टेंट ड्रिंक और मखाना चाय लोगों को टेस्ट कराया गया। बिहार के दरभंगा से आए मखाना कारोबारी रचित सरावगी व आर्या सरावगी ने बताया कि मखाने की बेंगलूरु में अच्छी मांग है। महोत्सव से व्यापार को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। कच्चे मखाने के साथ मेले में रोस्टेड मखाने का भी लोगों को पसंद आ रहा है। पूर्णिया के हरीश शर्मा ने बताया कि वे मेले में मखाने के साथ मखाना खीर, मखाना आटा व रोस्टेड गुड़ लेकर आए हैं।मधुबनी की एक कंपनी के सेल्स मैनेजर पप्पू कुमार ने बताया कि उनके स्टॉल पर मखाना पास्ता, रोस्टेड मखाना व मखाना पाउडर उपलब्ध है। मधुबनी के मुकेश ठाकुर ने बताया कि मखाने की खीर मिक्स पाउडर , शेक पाउडर, रोस्टेड व मखाना पाउडर उपलब्ध है। मखाना पाउडर से मिठाई, पंजीरी, खीर व कुकीज बनाई जाती है।
अररिया के नूतन देव व पीएन देव ने बताया कि मखाना पाउडर व सादा मखाना के स्टॉल लगाए हैं। मखाना से कई आइटम बनाकर सेहतमंद रहा जा सकता है। दरभंगा के भरत रंजन ने कहा कि मखाना के कुकीज , मखाना रोस्टेड फ्लेवर के साथ पाउडर उपलब्ध है। इससे मखाना ढोकला, कुल्फी, डोसा, कॉफी, चाय, केक, बर्फी व लड्डू बना सकते हैं। कटिहार के उल्फ राज व विकास कुमार और छपरा के राकेश कुमार ने रोस्टेड मखाना आदि पेश किया। दरभंगा के फराज ने बताया कि मखाना के खास आइटम स्मूदी को लेकर आए हैं। चुकंदर, सिघाड़ा, केला और मखाना को सुखाकर पाउडर बनाया गया है, जिसे दूध या पानी में घोल कर उपयोग कर सकते हैं।
बच्चों के लिए खरीदे मखाने

महोत्सव में आई प्रीति, निधि ने बताया कि पास्ता व स्मूदी बच्चों को बेहद पसंद है। इसके अलावा नाश्ते में बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए मखाना लिए हैं। इसके खीर, केक, डोसा आदि बनाया जाएगा। वहीं, कोमल व प्रियंका ने बताया कि मखाने के कई व्यंजनों की जानकारी यहां आकर मिली है। घर पर बनाकर परिवार को सेहतमंद रखा ज सकता है।
दक्षिण में बाजार की तलाश: चौधरी

महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा, बिहार को विशुद्ध राजनीति वाले राज्य के रूप में जाना जाता है। लेकिन, हम एक विकसित राज्य के रूप में पहचाने जाने के लिए भी उत्सुक हैं। इस महोत्सव का उद्देश्य बिहार की मुख्य फसल मखाना को दक्षिण भारत के राज्यों में पेश करना और यहां बाजार बनाना है।देश के मखाना उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी 50% है और उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में मखाना और इसके खाद्य उत्पादों की अच्छी मांग है। उन्होंने कहा, दक्षिण भारत के राज्यों में भी मांग पैदा करने के लिए बेंगलूरु एक अच्छा शहर है। बेंगलूरु में महोत्सव आयोजित करके हमारा इरादा तमिलनाडु और केरल सहित अन्य राज्यों तक पहुंचना है।मखाना फसल के उत्पादन को और बढ़ावा देने के लिए बिहार में अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है। जीआई टैग से मखाने को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही है।
सालाना 150 करोड़ का कारोबार

बिहार के कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, मखाना उत्पादन ने बिहार में रोजगार और उद्योग में बहुत बड़ा बदलाव लाया है। मखाना उत्पादों का बाजार साल दर साल बढ़ रहा है और पिछले साल 150 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। 2022-2203 की तुलना में 2023-2024 में इस क्षेत्र में 30% की वृद्धि हुई है।

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