माना जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, जप और हवन करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। यहां तक कि नवग्रह से उत्पन्न दोष भी खत्म हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि इस दिन नक्षत्र का संयोग अद्भुत योग बनाता है, यही योग इसे महत्वपूर्ण बनाता है। वैसे तो पूर्णिमा हर माह में आती है लेकिन माघ मास के शुक्ल पक्ष में पडऩे वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहा जाता है। इस बार यह पूर्णिमा 5 फरवरी रविवार के दिन पड़ रही है। इसीलिए इन खास संयोगों पर एक्सपट्र्स का कहना है कि यह पुण्य कमाने का सुनहरा मौका है इसे हाथ से न जानें दें।
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यहां पढ़ें माघ पूर्णिमा का महत्व
शास्त्रों में माना गया है कि कलयुग का प्रारंभ माघ पूर्णिमा से ही हुआ। इस दिन होलिका रोपण भी किया जाता है। यह रोपण पापों पर पुण्य की जीत का अवसर माना जाता है। संत रविदास की जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है। माना जाता है कि माघ पूर्णिमा पर चंद्रमा पृथ्वी पर अपनी अमृतमयी रश्मियों से पृथ्वी के जल में एक विशिष्ट तत्व का संचार करता है, जिससे आमजन के लिए वही जल कष्ट निवारक बन जाता है। इन रश्मियों से माघ पूर्णिमा के दिन किसी भी स्थान का साफ जल गंगा जल के समान पवित्र हो जाता है।
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विष्णु की कृपा पाने का दिन
माघ पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा करने या सुनने का भी विशेष महत्व है। पुण्य प्राप्ति के लिए लोग विष्णु जी की श्रद्धापूर्वक पूजा करते हैं। इस दिन पीताम्बरी वस्त्र, पीली मिठाई और तुलसी की माला प्रेमपूर्वक भेंट की जाती है।
पितरों को करें तर्पण
माघ पूर्णिमा के दिन पितरों को तर्पण करने का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन अपने पूर्वजों के प्रति श्राद्ध और तर्पण करके आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
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जरूर करें दान
इस दिन यदि दिव्यांग और असहाय लोगों को उनकी जरूरत की चीजें दान की जाएं, तो राहु और केतु ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। इसलिए अपने सामथ्र्य के अनुसार दान जरूर करें।