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त्योहार

Lohri Tradition: नव वधु के लिए खास होती है पहली लोहड़ी, हिमाचल की लोहड़ी की पुलिस करती है निगरानी

पंजाब में सिख समुदाय और हिंदू किसानों का प्रमुख पर्व लोहड़ी 14 जनवरी (Lohri 2023 Date) को मनाया जाएगा। आप इस त्योहार की प्रमुख परंपराओं को जानना चाह रहे होंगे तो आइये बताते हैं इसके बारे में।

Jan 13, 2023 / 07:35 pm

Pravin Pandey

लोहड़ी की परंपराएं

Lohri Festival Tradition: लोहड़ी प्रमुख रूप से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के आसपास के इलाकों में मनाया जाने वाला त्योहार है। यह त्योहार मुख्य रूप से फसल के लिए ईश्वर का आभार जताने का त्योहार है। लोहड़ी के दिन यह समुदाय संक्रांति के समय अलाव जलाकर आसपास के लोग मिलजुलकर त्योहार मनाते हैं।
इस अलाव में सभी तिल, रेवड़ी, मूंगफली डालकर ईश्वर को धन्यवाद देते हैं। मान्यता है यह भोग सीधे भगवान को प्राप्त होता है, इससे अग्निदेव और अन्न देवता प्रसन्न होते हैं। साथ ही पुरुष भंगड़ा करते हैं और महिलाएं गिद्दा। बाद में तिल, रेवड़ी आदि को प्रसाद के रूप में बांटते हैं।

Lohari 2023 Date: लोहड़ी त्योहार मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति 2023( Makar Sankranti 2023) 15 जनवरी को मनाई जाएगी, इस तरह लोहड़ी त्योहार इस साल 14 जनवरी शनिवार को मनाया जाएगा। कुछ लोग 13 जनवरी को भी यह मना सकते हैं। लोहड़ी का समय रात 8.57 PM है।

लोहड़ी की परंपराः जानकारों के अनुसार लोहड़ी सुख समृद्धि का त्योहार है। इस दिन अग्निदेव और महादेवी की पूजा की परंपरा है। मान्यता है लोहड़ी की रात अग्नि प्रज्ज्वलित कर परिक्रमा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है, जबकि महादेवी की पूजा से घर में सुख समृद्धि आती है। इस दिन भगवान भास्कर की विशेष उपासना भी की जाती है। इस दिन बच्चे आग तापते हैं। मान्यता है कि इससे उन्हें आरोग्य मिलता है और उन पर कोई संकट नहीं आता। वहीं नव विवाहित जोड़ों के लिए लोहड़ी खास होती है। वे इस दिन लोहड़ी पूजा के बाद बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं।
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दान पुण्यः लोहड़ी की परंपराएं अनूठी हैं। इस दिन गुरुद्वारा बंगला साहिब और अन्य गुरुद्वारा के सरोवर में सिख समुदाय स्नान कर दान पुण्य करता है। तमाम श्रद्धालु यमुना में भी स्नान करते हैं। इस दिन गुरुद्वारे विशेष रूप से सजाए जाते हैं और विशेष शबद कीर्तन होता है।

नव वधु, बहन-बेटी और बच्चों का उत्सवः लोहड़ी नव वधु, बहन, बेटी और बच्चों का उत्सव है। इस दिन के लिए बहन बेटियों को घर बुलाया जाता है। नव वधु और बच्चों के लिए यह लोहड़ी खास होती है, इसके लिए विशेष बधाई दी जाती है।
हिमाचल की खूनी लोहड़ीः हिमाचल के चंबा जिले में अनोखी लोहड़ी मनाई जाती है। यहां सदियों से खूनी लोहड़ी मनाई जाती है। बल्कि पुलिस अपनी देखरेख में यह त्योहार आयोजित कराती है। यहां के सुराड़ा क्षेत्र में इस दिन मढ़ियों पर कब्जे के लिए मारपीट होती है। इसके तहत लोग राज मढ़ी के प्रतीक मशाल को लेकर एक के बाद दूसरी मढ़ी पर जाते हैं और कब्जा करते हैं। इसको लेकर मारपीट होती है।
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लोहड़ी की इस परंपरा को जानें


1. कई जगह लोहड़ी के दिन पूजा अर्चना के बाद लोहड़ी की दहकती लकड़ियों के टुकड़े या कोयले घर लाने की प्रथा है।
2. जिन घरों में लड़कों की शादी होती है या बच्चे का जन्म होता है, उनके घर से बच्चे लोहड़ी के दिन या कुछ दिन पहले मोहमाया का चंदा मांगते हैं और इससे अपने घरों में रेवड़ी बांटते हैं।
3. कई जगह दूसरे मोहल्लों की जलती लकड़ी लाकर अपने मोहल्ले की लोहड़ी में डालने का भी रिवाज है। इसे लोहड़ी व्याहना भी कहते हैं, जिसके कारण कई बार झगड़े भी हो जाते हैं।

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