कजरी तीज पूजा का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद कृष्ण तृतीया तिथि 21 अगस्त को बुधवार को शाम 05.06 बजे से शुरू हुई है जो 22 अगस्त को दोपहर 01:46 बजे संपन्न हो रही है। कजरी तीज पर दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को नीमड़ी माता की विधिवत पूजा करने के बाद चंद्र देव को अर्घ्य दिया जाएगा। कजरी तीज पर चंद्रोदय रात 8.20 बजे होगा। ये भी पढ़ेंः अगर भूल से देख लिया गणेश चतुर्थी का चांद तो जरूर पढ़ें यह मंत्र, वर्ना लगेगा झूठा आरोप कजरी तीज का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कजरी तीज व्रत रखने से अखंड सौभाग्य के साथ संतान प्राप्ति होती है। कजरी तीज हरियाली और हरतालिका तीज की तरह ही होती है। मान्यता है कि कजरी तीज व्रत रखने से शुभ फल मिलता है और हर तरह के दुख-दर्द से छुटकारा मिल सकता है। घर में खुशियां ही खुशियां बनी रहती हैं।
कजरी तीज पर ऐसे दें अर्घ्य
कजरी तीज पर शाम को जब चंद्रोदय हो तो उस समय जल से आचमन करें। इसके बाद फूल, मावा, रोली, मोली, अक्षत, सिंदूर, नैवेध, भोग चढ़ा दें। इसके बाद खड़े होकर चांदी की अंगूठी और गेहूं के कुछ दानों को हाथों में लेकर अर्घ्य दें। इसके बाद चार बार घूम जाएं। इसके लिए भी चंद्र देव से भूल चूक के लिए माफी मांग लें।