हिन्दू पंचांग के अनुसार यह व्रत हर साल
भादो ( Bhado ) माह की शुक्ल पक्ष तृतीया को आता है. लेकिन इस बार जन्माष्टमी (Janmashtami) की तरह
हरतालिका तीज ( Hartalika Teej 2019 ) की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। कुछ लोग कह रहे हैं कि व्रत 1
सितंबर को होगा, जबकि कुछ लोग 2 सितंबर को व्रत रखने की सलाह दे रहे हैं।
दरअसल, चित्रा पक्षीय कैतकी गणना से तैयार पंचांगों में हरतालिका तीज इस बार एक सितंबर को मनाई जाएगी। जबकि ग्रहलाघवी पद्घति से तैयार पंचांगों के अनुसार हरतालिका तीज 2 सितंबर को है। हालांकि धर्मशास्त्र और शताब्दी पंचांग के अनुसार एक सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रखना शुभ होगा।
जानकारों का कहना है कि हरतालिका तीज का व्रत 1 सितंबर को ही रखा जाना चाहिए क्योंकि तब दिन भर तृतीया रहेगी। कहा ये भी जा रहा है कि हरतालिका तीज का व्रत हस्त नक्षत्र में किया जाता है, जो कि एक सितंबर को है। इसलिए व्रत एक सितंबर को रखा जाना चाहिए।
कुछ जानकारों का कहना है कि अगर आप 2 सितंबर को व्रत रखते हैं तो उस दिन सूर्योदय के बाद चतुर्थी लग जाएगी। ऐसे में 2 तारीख को तृतीया तिथि का व्रत मान्य नहीं होगा।
शुभ मुहूर्त Importance Of Hartalika Teej हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का भी बड़ा महत्व है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। यह भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए होता है लेकिन इसे कम उम्र की लड़कियां भी रख सकती हैं। इस तीज में भगवान गणेश, शिव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है। इस व्रत को निर्जल रहकर किया जाता है और रात में भगवान शिव और माता पार्वती के गीत और भजन कर जागरण किया जाता है।