scriptचित्रगुप्त जयंती 2020 : ऐसे हुई भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति और ऐसे बनें यमराज के खास सहयोगी | Bhagwan Chitragupt Jayanti : 30 April 2020 | Patrika News
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चित्रगुप्त जयंती 2020 : ऐसे हुई भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति और ऐसे बनें यमराज के खास सहयोगी

अच्छे, बूरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं भगवान चित्रगुप्त

Apr 29, 2020 / 04:29 pm

Shyam

चित्रगुप्त जयंती 2020 : ऐसे हुई भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति, ऐसे बनें यमराज के खास सहयोगी

चित्रगुप्त जयंती 2020 : ऐसे हुई भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति, ऐसे बनें यमराज के खास सहयोगी

गुरुवार 30 अप्रैल को सभी प्राणियों के अच्छे बूरे कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले मृत्यु के देवता यमराज के विशेष सहयोगी भगवान चित्रगुप्त की जयंती मनाई जाएगी। चित्रगुप्त जयंती प्रतिवर्ष बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। जानें कैसे हुई भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति।

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मृत्युपरान्त क्या होता है और जीवन से पहले क्या है यह एक ऐसा रहस्य है जिसे कोई नहीं सुलझा सकता। लेकिन हमारे वेदों एवं पुराणों में लिखा है कि जन्म लेने वाले सभी जीवों के अच्छे और बूरे सभी कर्मों का लेखा-जोखा रखने का जो काम करते हैं, उस देवता को चित्रगुप्त कहा जाता है। कहा जाता है कि भगवान चित्रगुप्त की नजरों से कोई भी नहीं बच पाता।

चित्रगुप्त जयंती 2020 : ऐसे हुई भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति, ऐसे बनें यमराज के खास सहयोगी

यमराज के दरवार में उस जीवात्मा के कर्मों का लेखा जोखा होता है। कर्मों का लेखा जोखा रखने वाले भगवान हैं चित्रगुप्त। यही भगवान चित्रगुप्त जन्म से लेकर मृत्युपर्यन्त जीवों के सभी कर्मों को अपनी पुस्तक में लिखते रहते हैं और जब जीवात्मा मृत्यु के पश्चात यमराज के समझ पहुचता है तो उनके कर्मों को एक एक कर सुनाते हैं और उन्हें अपने कर्मों के अनुसार क्रूर नर्क में भेज देते हैं।

चित्रगुप्त जयंती 2020 : ऐसे हुई भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति, ऐसे बनें यमराज के खास सहयोगी

ऐसे हुई भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति

भगवान चित्रगुप्त परमपिता ब्रह्मा जी के अंश से उत्पन्न हुए हैं और यमराज के सहयोगी है। सृष्टि के निर्माण के उद्देश्य से जब भगवान विष्णु ने अपनी योग माया से सृष्टि की कल्पना की तो उनकी नाभि से एक कमल निकला और कमल पर प्रजापिता ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई जो ब्रह्माण्ड की रचना और सृष्टि के निर्माता कहलाये। ब्रह्मा जी ने सृष्ट की रचना के क्रम में देव-असुर, गंधर्व, अप्सरा, स्त्री-पुरूष पशु-पक्षी को जन्म दिया। इसी क्रम में यमराज का भी जन्म हुआ जिन्हें धर्मराज की संज्ञा प्राप्त हुई क्योंकि धर्मानुसार उन्हें जीवों को सजा देने का कार्य प्राप्त हुआ था।

चित्रगुप्त जयंती 2020 : ऐसे हुई भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति, ऐसे बनें यमराज के खास सहयोगी

धर्मराज ने जब एक योग्य सहयोगी की मांग ब्रह्मा जी से की तो ब्रह्मा जी ध्यानलीन हो गये और एक हजार वर्ष की तपस्या के बाद एक पुरुष उत्पन्न हुआ। इस पुरूष का जन्म ब्रह्मा जी की काया से हुआ था अत: ये कायस्थ कहलाये और इनका नाम चित्रगुप्त पड़ा। भगवान चित्रगुप्त जी के हाथों में कर्म की किताब, कलम, दवात और करवाल है। ये कुशल लेखक हैं और इनकी लेखनी से जीवों को उनके कर्मों के अनुसार न्याय मिलती है।

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