स्वामी प्रसाद मौर्य ने थाना प्रभारी कांति सिंह से कहा कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उनके साथ केवल सिंह यादव, राम बरन वर्मा, सुरेंद्र गौतम, और राम बहादुर कोरी भी मौजूद थे। इन नेताओं ने एकजुट होकर कहा कि यदि न्याय नहीं मिला, तो सैकड़ों लोग थाने का घेराव करेंगे।
इस घटना ने क्षेत्र में राजनीतिक गर्माहट पैदा कर दी है, लेकिन लोगों के बीच चर्चा का विषय यह है कि जब किसी महिला या गरीब की मौत हो जाती है, तब ये नेता क्यों नजर आते हैं। लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या इससे पहले दलितों पर अत्याचार नहीं हुए थे। कई लोगों का मानना है कि राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए ही इस तरह के मुद्दों को हवा दी जाती है।
क्या हुई थी कार्रवाई इस मामले में बकेवर पुलिस द्वारा आरोपी को जेल भेजा जा चुका है बावजूद इसके राजनीतिक लाभ लेने के लिए नेताओं द्वारा मुद्दे को और भी बढ़ाया जा रहा है ! स्वामी प्रसाद मौर्य से पूर्व इसी प्रकरण में भीम आर्मी के नेताओं ने जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़ित का हाल जाना था और मामले में प्रदर्शन भी किया था जिसके बाद पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बनाया था।
फतेहपुर से विवेक मिश्रा की रिपोर्ट