बी-टाउन में अपने निर्देशन का लोहा मनवा चुके निर्देशक इम्तियाज अली एक बार फिर ऑडियंस के बीच ‘तमाशा’ लेकर आए हैं।उन्होंने अपनी पिछली फिल्मों की तरह इस फिल्म में भी कुछ अलग कर दिखाने की पूरी कोशिश की है। इम्तियाज ने वाकई में इसमें प्यार और ड्रामे का गजब तड़का लगाने का भरसक प्रयास किया है।कहानी : 151:28 मिनट की कहानी फ्लैशबैक में शिमला से शुरू होती है। यहां वेद वर्धन सहानी (रणबीर कपूर) को बचपन से ही कहानियों का शौक होता है और वह अपने घर वालों से झूठ बोलकर आए दिन एक आदमी से रुपये देखकर कहानियां सुना करता था। यानी वह हमेशा ही कहानियां सुनता और उसी में खोया रहता है। अब कहानी शुरू होती है फ्रांस के कोर्सिका से जहां तारा (दीपिका पादुकोण) अपना सूटकेस खो बैठती है और उसकी कोई मदद नहीं करता। इसी दौरान वेद की मुलाकात तारा से होती है और दोनों में गहरी दोस्ती हो जाती है। ये दोनों एक हफ्ते के लिए कोर्सिका में जमकार मटरगस्ती की और फिर दोबारा एक-दूसरे से न मिलने का वादा भी किया। खैर, करीब चार साल बाद तारा कोलकाता से दिल्ली वेद को ढूंढऩे के लिए निकल जाती है। फिर एक दिन अचानक वेद और तारा फिर मिलते हैं और दोनों को प्यार में खो जाते हैं। वेद हमेशा ही तारा को चाहता है और वह दिल्ली स्थित एक टेलीकॉम कंपनी में काम करता है। तारा का सूरूर वेद पर इस कदत छाया रहता है कि वह अपनी नौकरी पर भी एकाग्रता बनाए नहीं रख पाता है। बहरहाल, वेद जब एक आलीशान होटल में अपने दोस्तों के सामने तारा को रिंग पहनाने जाता है तो तारा मना कर देती है और कहती है कि तुम वो इंसान नहीं हो, जो कार्सिका में डॉन और इंटरपोल का आदमी हुआ करता था। बस यहीं से कहानी में ट्विस्ट आता है और फिल्म तरह-तरह के मोड़ लेते हुए आगे बढ़ती है।अभिनय : आज के दौर में बी-टाउन समेत बॉलीवुड से प्रेम करने वालों तक सभी की चहेती जोड़ी बन चुकी रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण ने वाकई में एक बार फिर अपने चाहने वालों के लिए गजब का अभिनय किया है। रणबीर जहां किरदार की तह तक जाते दिखे, वहीं दीपिका ने अपना शत-प्रतिशत देते हुए रणबीर का पूरा साथ देती नजर आईं। इसके अलावा इश्तियाक खान भी अपने रोल में कुछ अलग कर दिखाने में काफी हद तक सफल से दिखाई दिए। निर्देशन : फिल्म के निर्देशन में वाकई में कुछ अलग और नया कर दिखाने पूरा प्रयास किया गया है। लोगों की चहेती जोड़ी के बीच केमेस्ट्री को इम्तियाज ने हर तरह से भुनाने की कोशिश की है। उन्होंने यह तो साबित कर दिखाया है कि इंडस्ट्री में अब कुछ अलग करने की जरूरत है। उनका निर्देशन भले ही कहीं-कहीं पर कमजोर सा नजर आया, लेकिन उन्होंने कुछ हट कर प्रयास करने की जमकर कोशिश की। हालांकि उन्होंने फिल्म में प्यार के साथ ही ड्रामे के गजब तड़के को लगाने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी, फिर भी इम्तियाज अपने निर्देशन में कहीं-कहीं थोड़ा असफल से नजर आए। इम्तियाज ने प्यार और रोमांस को बड़े पर्दे पर बड़े ही शायराना अंदाज से दिखाने की पूरी कोशिश की है, फिर भी वे ऑडियंस को फिल्स से आखिर तक बांधे रखने में असफल रहे। बहरहाल, ‘आपकी हुस्न की वादियां इस वक्त दिख रही हैं’, ‘घाघरे में धूम धाम’ जैसे कई डायलॉग्स कालिब-ए-तारीफ रहे, लेकिन अगर सिनेमेटोग्राफी अंदाज को छोड़ दिया जाए तो इस फिल्म की टेक्नोलॉजी कुछ खास करने में थोड़ी असफल रही। इसके अलावा फिल्म से ऑडियंस को जोड़े रखने के लिए संगीत (ए आर रहमान) ने कुछ हद तक अहम भूमिका निभाई है। क्यों देखें : रील समेत रियल लाइफ में भी रणबीर और दीपिका की गजब केमेस्ट्री देखने के लिहाज से आप सिनेमाघरों की ओर रुख कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि अगर आप फुल एंटरटेनमेंट का मन बनाकर जा रहे हैं तो आपको कुछ निराशा भी हो सकती है, आगे इच्छा और जेब आपकी…। साथ ही ध्यान रहे कि आप आगे मर्जी आपकी…!बैनर : यूटीवी मोशन पिक्चर्स और नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट निर्माता : साजिद नाडियाडवालानिर्देशक : इम्तियाज अलीजोनर : प्यार, रोमांस और ड्रामासंगीत : ए आर रहमानगीतकार : माहित चौहान, मिका सिंह, नकश एजाज, अल्का याज्ञनिक, अरिजीत सिंह, शाश्वत सिंह, सुखविंदर सिंह, हरिचरण, हरिकृपा, लकी अली, ए आर रहमान, अल्मा फेरोविक, अर्जुन चांडीस्टारकास्ट : रणबीर कपूर, दीपिका पादुकोण, इश्तियाक खान ।रेटिंग : ढाई स्टार