एक शॉट के लिए ९९ रीटेक
संजय सर के साथ काम करना बहुत अच्छा था। वह एक ऐसे डायरेक्टर हंै जिन्हें हर शॉट परफेक्ट चाहिए होता है। एक डांस सीन को शूट करते समय ९९ रीटेक होने के बाद भी वो सीन उनको पसंद नहीं आया जिस कारण से उसे सीरीज से हटाना ही पड़ा। वह शॉट काम नहीं आया। उनको हर शॉट बहुत सही तरह से चाहिए होता है। मुझे लगता है कि डायरेक्टर को परफेक्ट शॉट देना एक कलाकार का काम होता है।
उर्दू सीखना चुनौतीपूर्ण
उर्दू सिखाने के लिए हमारे सेट पर एक टीचर थीं मुंदीरा जी, जिन्होंने उर्दू सीखने में हम सबकी मदद की। हमने उर्दू सीखने से ज्यादा बात करने के रिद्म पर काम किया। सेट पर सभी कोस्टार्स आपस में उसी लहजे से बात करते थे जिससे हमारी प्रैक्टिस अच्छी हो रही थी। उर्दू हमारे देश की भाषा है, हमारी दिनचर्या में उर्दू के कई शब्द हैं जो बोलचाल में आते हंै।
लज्जो के लिए खास तैयारी
मैंने लज्जो का रोल किया है। यह एक ऐसी महिला का किरदार है जो कहीं न कहीं अपने में ही रहती है सच्चाई का सामना करने से डरती है। मैंने इससे पहले कभी भी इस तरह का रोल नहीं किया था। मैंने पहले ही सोच लिया था कि मेरी जो भोली पंजाबन वाली इमेज है उसे बदलना है। उसी के लिए मैंने बहुत सोच-समझ कर यह किरदार चुना। इस किरदार को लेकर मैंने पहले से ही तैयारी की थी। मैंने इस तरह के किरदार को चुना जिसमें मैंने देखा कि इसका कोई वजूद तो है।
खुद पर रखें विश्वास
मुझे लगता है कि यह दौर दूसरा है। मुझे इंडस्ट्री में १५ साल से ज्यादा हो गए हैं। पहले खुद को प्रमोट करने और प्रचार करने के लिए सोशल मीडिया जैसी सुविधाएं नहीं थीं। मेरा मानना है कि लोगों को इंडस्ट्री में आने से पहले अच्छे से टे्रनिंग लेकर आना चाहिए। मेहनत करते रहनी चाहिए और किस्मत पर भरोसा रखना चाहिए।
छोटा लेकिन अहम किरदार
शो में लज्जो का रोल कम समय के लिए था लेकिन उसकी एक अहम भूमिका थी। यह रोल बहुत ही शॉर्ट एंड स्वीट था। लज्जो का किरदार मुझे बहुत पसंद भी आया। लज्जो का रोल करके मैं काफी खुश हुई हूं। यह मेरे लिए एक टर्निंग पॉइंट जैसा है। लज्जो के रोल से मेरी एक नई इमेज बनेगी। आगे भी मैं इस तरह के राल करना चाहूंगी।
एक सीन के लिए पी थी शराब
हमने शो में एक डांस सीन शूट किया था, जिसमें मैंने ९९ रीटेक लिए थे, लेकिन फिर भी वह सीन फाइनल नहीं हो सका। जिसके बाद मैंने उसी सीन को शूट करने के लिए असली शराब का प्रयोग किया था। किंतु उससे मुझे कोई फायदा नहीं हो सका। उसके बाद भी मैं वह सीन नहीं कर पाई।
हमारी ड्यूटी
जब तक शॉट सही न हो जाए और लोगों के दिल को न छुए तब तक कलाकार को उसमें सुधार करते रहना चाहिए। मुझे इस चीज से कोई आपत्ति नहीं है कि मैंने ९९रीटेक्स लिए हैं। डायरेक्टर को जब तक लगेगा कि सीन दोबारा होना चाहिए मैं रीटेक करती रहूंगी।