राजस्थान विधानसभा चुनाव: चित्तौड़गढ़ से भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी करोड़ों की संपत्ति के मालिक
पत्रिका से बातचीत के प्रमुख अंश:
सवाल- क्या माहौल लग रहा है, ‘राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस का’?
जवाब – पांच साल आकण्ठ भ्रष्टाचार में डूबी रही कांग्रेस से जनता का मोहभंग हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा प्रचण्ड बहुमत के साथ सत्ता में आ रही है।
सवाल-आप तो सांसद थे, विधायक प्रत्याशी कैसे बन गए। पार्टी की इच्छा थी या आपकी?
जवाब- मेरे जैसे समर्पित कार्यकर्ता के लिए संगठन का आदेश ही सर्वोपरि होता है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मेरा नाम तय किया और मैं फिर सवाईमाधोपुर की जनता की सेवा करने आया हूं।
सवाल- पूरे पांच साल में बीजेपी के कई नेताओं ने राज्य सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किए। सबसे ज़्यादा आपका नाम आया। कोई विशेष कारण, आप ना तो प्रदेश अध्यक्ष थे और ना नेता प्रतिपक्ष?
जवाब- भाजपा एक परिवार है और परिवार के सभी सदस्यों का दायित्व है कि वे अत्याचार और भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहें। चूंकि मुझे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जनता को ही जनार्दन मानकर सेवा की सीख मिली है। इसलिए मैंने गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार के विरुद्ध सड़क पर सबसे ज्यादा लडाई लड़ी है।
सवाल- ईडी की राजस्थान में कार्रवाई और किरोड़ी लाल मीणा दोनों का नाम साथ में आता है, लेकिन अशोक गहलोत कहते हैं किरोड़ी लाल मीणा के पास कोई तथ्य नहीं होते वे बस माहौल बनाते हैं।
जवाब- यह बात सही नहीं है कि मैंने बिना किसी सबूत के सरकार के खिलाफ ईडी में शिकायत की थी। सच बात यह है कि चाहे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक का मामला हो या फिर जल जीवन मिशन, खनन घोटाला एवं कालाधन का मसला हो। मैंने इन सभी मामलों में एफआईआर दर्ज करने अथवा सीबीआई से जांच की मांग सरकार से की थी, लेकिन सरकार ने कार्रवाई करने के बजाय मुझे टारगेट करते हुए एक बार तो अनुचित रूप से गिरफ्तार ही कर लिया था। इसी कारण ईडी की प्रभावी जांच आरम्भ हुई है। ईडी से इतनी ही दिक्क्त थी तो सीबीआई को अनुमति दे देते।
सवाल- आपने इतने आरोप लगाए। किसी एक केस में कोई मजबूत कार्यवाही या किसी को सजा हुई?
जवाब- हां। पेपर लीक प्रकरण में सरकार को न सिर्फ़ बैकफुट पर आते हुए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को तत्काल बर्खास्त करना पड़ा, बल्कि आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा को अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में मेरे खुलासे के बाद गिरफ्तार करते हुए सरकार को पेपर रद्द करने के लिए भी विवश होना पडा था। आरम्भिक दौर में लीपापोती में मशगूल रही गहलोत सरकार की जांच एजेंसी एसओजी को प्रभावी कार्रवाई करते हुए कई पेपर लीक माफियाओं एवं अन्य अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इसके अलावा जल जीवन मिशन एवं कालेधन के मामले को लेकर ईडी अनेक जगह छापे मारकर भ्रष्टाचार की कलई खोल रही है। मैंने रीट पेपर लीक प्रकरण में राजीव गांधी स्टडी सर्किल के पदाधिकारियों की संलिप्तता एवं इसमें कांग्रेस के आधा दर्जन विधायक एवं मंत्रियों का खुला हाथ होने के पुख्ता सबूत एसओजी को सौंपे थे, लेकिन वहां सिर्फ़ लीपापोती कर बडे भ्रष्टाचारी मगरमच्छों को बचाने का काम हुआ। अब पीएम ने प्रदेश के युवाओं को भरोसा दिलाया है कि वे जल्द से जल्द इस मामले का दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे।
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सवाल- पेपर लीक का मामला आप तो उठाते हैं, लेकिन आप की पार्टी को जिस तरह से मुद्दे को उठाना चाहिए वैसे नहीं उठा पाती? आपको रीट पेपर लीक मामलेे में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कार्यालय में करने तक नहीं दी गई?
जवाब- ऐसा नहीं है। मैं भी पार्टी का एक अभिन्न अंग हूं। पेपर लीक होने से जिन युवाओं की उम्मीदों पर कुठाराघात हुआ, उन युवाओं की आंखों से बहती अश्रुधारा ने ही मुझे सड़क पर उतरकर युवाओं के हकों के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी थी। मेरे कोई औलाद नहीं है। भगवान ने मुझे कोई बच्चा नहीं दिया। राजस्थान प्रदेश के हरेक युवा को मैं अपने बच्चे की तरह मानता हूं। यही वजह है कि कई साल की मेहनत के बावजूद पेपर लीक के जरिए ठगे गए लाखों युवाओं की पीड़ा को देख मेरा ह्रदय इस कदर द्रवित हुआ कि मैं आंदोलन की आग में कूद पड़ा।
सवाल- आपके आपातकाल के दौरान से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अच्छे रिश्ते रहे हैं। क्या आपकी राजस्थान के सीएम बनने की इच्छा है?
जवाब – पीएम नरेन्द्र मोदी से मेरे इमरजेंसी के दौरान से अच्छे रिश्ते रहे हैं। आपातकाल के दमन के खिलाफ चलाई गई मुहिम में मोदी ही मुझे गुजरात में मुद्रित हुई सामग्री उपलब्ध कराते थे और मैं उसे राजस्थान में लाकर जगह जगह वितरित करता था। जहां तक मुझे कोई बड़ा पद देने का प्रश्न है, मैं कभी भी पदलोलुप नहीं हूं।
सवाल- राजस्थान भाजपा में गुटबाज़ी भी खूब हुई। क्या ये पार्टी के लिए ठीक था? क्या इससे पार्टी को नुक़सान नहीं हुआ?
जवाब- नहीं। भाजपा में कभी कोई गुटबाजी नहीं रही है। छोटे-मोटे मनमुटाव तो सभी परिवारों में होते रहते हैं, लेकिन पार्टी प्रत्येक कार्यकर्ता प्रधानमंत्री मोदी एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कुशल नेतृत्व में एकजुट और राजस्थान में सरकार बनाने के लिए संकल्पित है।
सवाल- यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो सीएम का चेहरा कौन होगा?
जवाब- सरकार भाजपा की ही बनेगी। जहां तक सीएम के चेहरे की बात है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व और विधायक दल की राय ही तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा?