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अब बिना किसी एंट्रेंस एग्जाम के ले सकते हैं IIT Delhi में दाखिला, जानिए डिटेल्स 

IIT Delhi: आईआईटी दिल्ली ने मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग में सर्टिफिकेट कोर्सेज के चौथे बैच की शुरुआत करने की घोषणा कर दी है। छह महीने के इस प्रोग्राम का उद्देश्य है छात्रों को AI जैसी तकनीक के लिए तैयार करना है।

नई दिल्लीAug 25, 2024 / 10:17 am

Shambhavi Shivani

IIT Delhi: आईआईटी दिल्ली में दाखिला लेना इंजीनियरिंग करने वालों के लिए किसी सपने से कम नहीं होता। लेकिन यहां एडमिशन मिलना इतना आसान नहीं होता। इसके लिए जेईई या गेट परीक्षा पास करनी होती है। जेईई परीक्षा पास करके ग्रेजुएशन लेवल पर दाखिला मिलता है। वहीं गेट पास करने पर पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर कोर्सेज में दाखिला मिलता है। जेईई परीक्षा की तरह गेट भी काफी कठिन परीक्षा होती है। ऐसे में जो युवा इसे क्रैक नहीं कर पाते हैं, उनका आईआईटी दिल्ली में पढ़ने का सपना अधूरा रह जाता है। हालांकि, अब चिंता की कोई बात नहीं है। बिना गेट परीक्षा के भी आईआईटी दिल्ली में दाखिला मिल सकता है। आइए, आज आपको IIT दिल्ली के ऐसे कोर्स के बारे में बताएंगे, जिसमें बिना गेट परीक्षा के दाखिला मिल सकता है।

एआई तकनीक सीखेंगे छात्र (IIT Delhi)

आईआईटी दिल्ली ने मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग में सर्टिफिकेट कोर्सेज के चौथे बैच की शुरुआत करने की घोषणा कर दी है। छह महीने के इस प्रोग्राम का उद्देश्य है छात्रों को AI जैसी तकनीक के लिए तैयार करना है। ये कोर्स आईआईटी के फैकल्टी द्वारा तैयार किया गया है। पाठ्यक्रम में पायथन प्रोग्रामिंग, डेटा प्रोसेसिंग, डेटा विश्लेषण, न्यूरल नेटवर्क, डीप लर्निंग आर्किटेक्चर और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) सहित आवश्यक विषय शामिल हैं। 
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क्या क्या सीखेंगे इस कोर्स में (IIT Delhi)

उम्मीदवारों को पांडा लाइब्रेरी का उपयोग करके डेटा लोड और प्री-प्रोसेस करने, केरास और टेंसरफ्लो के साथ न्यूरल नेटवर्क को डिजाइन और प्रशिक्षित करने और वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए मशीन लर्निंग तकनीकों को लागू करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण उन्हें भविष्य में नौकरी दिलाने के काम आएगा। बता दें, ये प्रोग्राम आईआईटी दिल्ली के अत्याधुनिक इंटरएक्टिव लर्निंग (IL) प्लेटफॉर्म के माध्यम से डायरेक्ट-टू-डिवाइस (D2D) मोड में दिया जाएगा। इसमें 76 घंटे की ऑनलाइन लर्निंग, 76 घंटे की सेल्फ-पेस लर्निंग, तीन सप्ताह की कैपस्टोन परियोजना, एक मास्टरक्लास और फैकल्टी और उम्मीदवारों के बीच बातचीत को सुविधाजनक बनाने के लिए ऑन-कैंपस इमर्शन सेशन शामिल हैं।

मशीन लर्निंग विभिन्न केंद्रों में क्रांति ला सकती है (IIT Delhi)

IIT Delhi में ब्रिगेडियर भोपिंदर सिंह चेयर प्रोफेसर, सतत शिक्षा कार्यक्रम (CEP) के प्रमुख डॉ. मानव भटनागर ने इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने में कार्यक्रम के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के शिक्षा इंडस्ट्री की उभरती जरूरतों के अनुरूप है। मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति ला रहे हैं, इसलिए हमारा सर्टिफिकेट प्रोग्राम सैद्धांतिक आधारों को व्यावहारिक विशेषज्ञता के साथ जोड़ते हुए बेहतरीन और व्यापक शिक्षा प्रदान करता है। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए व्यक्तियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

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