इंजीनियर हैं मनोज कुमार वर्मा
IPS मनोज कुमार वर्मा की बात करें तो वर्मा का जन्म 30 सितंबर, 1968 को राजस्थान के सवाई माधोपुर में हुआ था। उनका जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। IPS मनोज कुमार वर्मा ने शुरूआती पढ़ाई लिखाई केंद्रीय विद्यालय और मिलिट्री स्कूल में हुई। वर्मा के पिता के मिलिट्री में होने के कारण उन्होंने कई शहरों में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी की है। अपने स्कूली समय में वर्मा पढ़ाई में काफी होशियार थें। मनोज कुमार वर्मा ने मेकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उनका मन UPSC की ओर गया। जिसके बाद उन्होंने UPSC की जमकर तैयारी की। अपने लग्न और मेहनत के कारण ही उन्होंने साल 1998 में यूपीएससी परीक्षा पास की और उनको आईपीएस कैडर मिला। मनोज कुमार वर्मा ने हैदराबाद में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ली।माओवादियों गतिविधियों पर लगाया था अंकुश
मनोज कुमार वर्मा को अपनी पहली पोस्टिंग पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में मिली। इस पोस्टिंग में माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में उनकी अहम भूमिका होने के कारण मनोज कुमार वर्मा के इस कार्य को इतने सालों बाद भी याद किया जाता है। मिदनापुर जिले में रहते हुए मनोज वर्मा ने माओवादियों से लोहा लिया और कई सफल ऑपरेशन चलाए। मिदनापुर में माओवादियों के खिलाफ उनकी रणनीति काफी सफल साबित हुई थी। वर्मा पुलिस महकमे के कई अहम पद पर कार्य कर चुके हैं।
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मनोज कुमार वर्मा को उनके अच्छे और साहसपूर्ण कार्य के लिए कई मेडल और सम्मान मिल चुके हैं। उन्हें 2017 में जब वो यातायात मुख्यालय के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के रूप में काम रहे थे तो उनके सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक (पीएमएमएस) से सम्मानित किया गया था। साथ ही साल 2019 में वर्मा को बैरकपुर के पुलिस आयुक्त के रूप में उनके प्रभावशाली काम के लिए मुख्यमंत्री के पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया था।
Success Story : मिल चुके हैं कई मेडल
मनोज कुमार वर्मा को उनके अच्छे और साहसपूर्ण कार्य के लिए कई मेडल और सम्मान मिल चुके हैं। उन्हें 2017 में जब वो यातायात मुख्यालय के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के रूप में काम रहे थे तो उनके सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक (पीएमएमएस) से सम्मानित किया गया था। साथ ही साल 2019 में वर्मा को बैरकपुर के पुलिस आयुक्त के रूप में उनके प्रभावशाली काम के लिए मुख्यमंत्री के पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया था।