अकेले भिलाई के शंकराचार्य टेक्निकल कैंपस में करीब 1200 सीटें थीं, जिसमें नए सत्र में प्रवेश नहीं होंगे। यह सभी सीटें यूनिवर्सिटी में मर्ज हो जाएंगी। इसके अलावा दो अन्य कॉलेजों के क्लोजर के बाद 800 सीट और कम होना है। इस तरह पिछले साल जहां 11,481 सीटों पर काउंसलिंग हुई थी, वहीं इस साल कुल सीटों की संख्या 9,400 के आसपास रहेगी। आने वाले कुछ दिनों में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद एआईसीटीई कॉलेजों के लिए नए सत्र का अप्रूवल जारी करेगा। इसके बाद तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से कॉलेजों को काउंसलिंग की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
CG Hindi News: इनमें नहीं होंगे दाखिले
प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और एसएसआईटी भिलाई ने कंपलीट क्लोजर का आवेदन सीएसवीटीयू को किया है। वहीं राजनांदगांव के अशोक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी द्वारा प्रोग्रेसिव क्लोजर का आवेदन किया गया है। कंपलीट क्लोजर नियम के तहत जहां बंद हो रहे कॉलेज के विद्यार्थियों को दूसरे संस्थानों के पढ़ाया जाएगा। वहीं प्रोग्रेसिक क्लोजर से उक्त कॉलेज तीन साल में खुद ब खुद बंद हो जाएगा। यानी इस साल से इन कॉलेज में नए प्रवेश नहीं होंगे।
CG Hindi News: अब तक 13 संस्थानों का क्लोजर
दस साल के भीतर छत्तीसगढ़ के 13 कॉलेजों का क्लोजर हो चुका है। अब इन तीन संस्थानों को मिलाकर यह संख्या 16 हो जाएगी। प्रदेश में इंजीनियरिंग की शुरुआत के साथ 42 कॉलेजों का संचालन हुआ करता था, जो अब घटकर नए सत्र में 28 हो जाएगा। साल 2013 में 19,508 सीटों पर प्रवेश दिए गए थे, जो 2023 में घटकर 11481 हो गया। भिलाई के पुराने इंस्टीट्यूशंस ग्रुप ने भी अपने कुछ कॉलेजों को इसी अवधि में बंद किया है। वहीं कुछ इंजीनियरिंग कॉलेज एक-दूसरे में मर्ज किए गए हैं।