ऐसे बहुत से लोग हैं जो नौकरी पाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो लाखों-करोड़ों का पैकेज पाकर भी खुश नहीं होते हैं और सब छोड़कर निकल जाते हैं अपने सपनों को पूरा करने या यूं कहें कि एक नई तलाश पर। आयुष गोयल की तलाश यूपीएससी पर जाकर खत्म हुई। 28 लाख का पैकेज पाने के बाद भी आयुष का मन 9-5 में नहीं लग रहा था और उन्होंने सिर्फ 7 महीने में अपनी नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वे यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। शुरुआत में परिवार को उनका ये फैसला सही नहीं लगा। हालांकि, आयुष ने अपने सपनों को सच कर दिखाया।
दिल्ली के सरकारी स्कूल से हुई पढ़ाई (IAS Ayush Goel Success Story)
आयुष दिल्ली के रहने वाले हैं। हालांकि, उनकी पढ़ाई किसी कॉन्वेंट स्कूल से नहीं बल्कि सरकारी स्कूल, राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से हुई है। स्कूली पढ़ाई के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद उन्होंने CAT की तैयारी की और IIM कोझिकोड निकाल लिया। एमबीए करने के बाद उन्हें अच्छी प्लेसमेंट मिली। यह भी पढ़ें
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बेटे को पढ़ाने के लिए पिता ने लिया लोन
आयुष के पिता सुभाष चंद्र गोयल किराने की दुकान चलाते हैं। उन्होंने बेटे का दाखिला IIM में कराने के लिए 20 लाख का लोन लिया था। ऐसे में जब आयुष को नौकरी तो मिली परिवार वालों ने राहत की सांस ली। हालांकि, जब आयुष ने नौकरी छोड़ने का फैसला लिया तो परिवार वाले एक बार फिर परेशान हो गए।सपनों को पूरा करने के लिए लिया रिस्क (Success Story)
आयुष ने अपनी 28 लाख रुपये सलाना की नौकरी छोड़कर सिविल सेवा की तैयारी करने का मन बनाया। उन्होंने सिर्फ 7 महीने काम किया था, जिसके बाद उन्हें महसूस हुआ कि यूपीएससी सीएसई की तैयारी करनी चाहिए। वे IAS की नौकरी पाना चाहते थे। उन्हें पता था कि इस सपने को पूरा करने के लिए लाखों की सैलरी वाली नौकरी को छोड़ना कितना बड़ा रिस्क था। लेकिन वो इस रिस्क को उठाने के लिए तैयार थे। यह भी पढ़ें- UP Schools: अब यूपी के स्कूलों में होगी थर्ड जेंडर की पढ़ाई, किन्नर समाज ने रखी अपनी मांग
आयुष हमेशा से पढ़ने में तेज थे। उन्होंने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 91.2 प्रतिशत और कक्षा 96.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किया था। यही कारण था कि माता-पिता को भी उनसे काफी उम्मीदें थीं। आयुष ने यूपीएससी में EWS कोटा के तहत ऑल इंडिया रैंक (AIR) 171 हासिल की।