पिता चलाते हैं एक मामूली सी दुकान
उत्तर प्रदेश के बांदा के रहने वाले विवेक कुमार गुप्ता का चयन यूपीएससी ईपीएफओ में हुआ है, जो श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत आता है। विवके ने एआईआर 20वीं रैंक हासिल की है। उनके पिता बांदा में एक मोबाइल रिचार्ज की दुकान चलाते हैं और किसी तरह का अपने घर का खर्च निकालते हैं। विवेक के घर की स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है। लेकिन फिर उनके पिता ने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बेटे की कामयाबी पर क्या है माता-पिता का कहना (UPSC Success Story)
बेटे की कामयाबी (Success Story) पर खुशी जाहिर करते हुए पिता आशीष गुप्ता ने बताया कि वह बच्चों को लेकर हमेशा से अलर्ट रहते थे, हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित करते हैं। कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा, बेटे ने बहुत मेहनत की है। माता आशा गुप्ता ने कहा कि बेटे की कामयाबी की बहुत खुशी है, वह हमेशा भगवान से प्रार्थना करती थीं कि बच्चे कामयाब हो जाएं।
एमटेक के बाद शुरू की UPSC की तैयारी
विवेक की 10वीं और 12वीं पढ़ाई सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल से हुई है। इसके बाद उन्होंने बीटेक केसीएनआईटी से किया। इसके बाद विवेक ने बीआईइटी झांसी से एमटेक किया। हालांकि, इतनी शिक्षा हासिल करने के बाद भी उनका मन सिविल सेवा में आने का था और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने दिल्ली का रुख किया। लेकिन पारिवारिक समस्याओं के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। जीवन में बहुत सारी परेशानियां आई लेकिन विवेक ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।
अभ्यर्थियों के लिए दिया सक्सेस मंत्र (Success Mantra)
विवेक ने बताया कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने के लिए ऑनलाइन कॉन्टेंट और किताबों का सहारा लिया। दिन रात मेहनत करने के बाद उन्होंने अनपा नोट्स तैयार किया। वहीं यूपीएससी अभ्यर्थियों को उन्होंने सलाह दी लगातार मेहनत करते रहें। नए कॉन्टेंट के साथ पुरानी गतिविधियों पर भी नजर रखें, नोट्स बनाएं और रेगुलर रिवीजन करें। उन्होंने कहा कि अगर आप ठान लें तो हर चीज में सफलता पा सकते हैं।