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आईपीआर के दौर में नवाचार को बढ़ावा देना वक्त की मांग वाइस चांसलर प्रोफेसर मंगेश कराड ने इस मौके पर एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय ( MIT-ADT University ) पुणे की टीम और छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि आईपी और उद्यमिता अभियान को आंदोलन का रूप देना वक्त की मांग है। उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकारों के दौर में वैश्विक स्तर पर आईपीआर ने किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई है। आईपीआर लिटरेसी और आईपी उद्यमिता को लेकर पूरे देश में अभियान को चलाने की जरूरत हैं। यह भी पढ़ें
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प्राथमिकता बने आईपी और उद्यमिता बता दें कि एमआई एडीटी विश्वविद्यालय पुणे एक ऐसा स्थान है जहां रचनात्मकता और नवाचार ( Innovation ) पर जोर दिया जाता है। विश्वविद्यालय अपने परिसर में आईपी ( IP ) सुविधा सेल स्थापित करने के लिए संसाधनों का सबसे बेहतर उपयोग कर रहा है। समाज को लाभ पहुंचाने और मूल्यवान विचारों के जोखिम को कम करने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों का उपयोग कर नवाचारों को बढ़ावा देना वैश्वीकरण के इस दौर में सबसे बेहतर पहल है। दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों में आईपी जागरूकता का एक बुनियादी स्तर स्थापित करना है। ताकि अच्छी तरह से संरक्षित नवाचार और नए-नए क्षेत्रों में पेटेंट प्राप्त करने की संभावनाओं को बल मिले। यह भी पढ़ें