‘Sanjog 2018’ के नाम से आयोजित इस सेमिनार में गणित, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा रोबोटिक्स सब्जेक्ट्स से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। सेमिनार में 15 से 20 वर्ष आयुवर्ग के 30 बच्चे तो बुलाया गया है। ये सभी बच्चे भारतीय सेना में सूबेदार, हवलदार, जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO), युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाएं तथा रिटार्यड आर्मी सैनिकों के हैं
सेमिनार के कॉर्डिनेटर तथा कम्प्यूटर साइंस तथा इंजीनियरिंग के प्रोफेसर वी कामकोटि ने कहा कि देश के लिए लड़ने वाले सैनिकों के लिए हमारी ड्यूटी है कि हम उनके लिए कुछ करें। उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बढ़ते रूझान को देखते हुए बच्चों के लिए ‘SpeedoBotix – Introduction to Intelligent Robotics’ सेशन भी रखा गया। इस सेशन में छात्रों को तीन घंटे से भी कम समय में रोबोट बनाना तथा उसके द्वारा कुछ खास काम करना सिखाया गया। इन छात्रों को इंटेलीजेंट रोबोट्स तथा अन्य प्रोग्राम लिखना भी सिखाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह संजोग का तीसरा एडिशन है। इस वर्ष संजोग में अब तक Beautiful Mathematics, Problem Solving Using Computers, Gameistry – Games for a stress-free life without digital gadgets, Information Security Awareness, BreakFree to Success – enhancing analytical, Communication and Life Skills, and, SpeedoBotix – Introduction to Intelligent Robotics पर सेशन हो चुके हैं।
Gameistry
एक विशेष सेशन Gameistry के तहत बच्चों को बोर्ड गेम डेवलप करने की जानकारी दी गई। कोर्स की जटिलता को देखते हुए इसमें क्लास XI से लेकर ग्रेजुएशन फाइनल ईयर तक के छात्रों को ही प्रवेश दिया जाएगा।
एक विशेष सेशन Gameistry के तहत बच्चों को बोर्ड गेम डेवलप करने की जानकारी दी गई। कोर्स की जटिलता को देखते हुए इसमें क्लास XI से लेकर ग्रेजुएशन फाइनल ईयर तक के छात्रों को ही प्रवेश दिया जाएगा।
अन्य फील्ड्स के बारे में भी बताया गया
वर्कशॉप में इंजीनियरिंग से जुड़े अन्य फील्ड्स के बारे में भी बताया गया। उन्हें B.Tech. / M.S./ M.Tech. / Ph.D. / IIT आदि कोर्सेज में किस तरह एडमिशन लिया जाए। इस पर भी जानकारी दी गई। साथ ही Lateral Thinking के बारे में बताया गया। छात्रों को बताया गया कि किस तरह वो लीडरशिप क्वालिटीज को अपना कर जीवन में आगे बढ़ सकते हैं और सफल हो सकते हैं।
वर्कशॉप में इंजीनियरिंग से जुड़े अन्य फील्ड्स के बारे में भी बताया गया। उन्हें B.Tech. / M.S./ M.Tech. / Ph.D. / IIT आदि कोर्सेज में किस तरह एडमिशन लिया जाए। इस पर भी जानकारी दी गई। साथ ही Lateral Thinking के बारे में बताया गया। छात्रों को बताया गया कि किस तरह वो लीडरशिप क्वालिटीज को अपना कर जीवन में आगे बढ़ सकते हैं और सफल हो सकते हैं।