नियमानुसार तकनीकी विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए नैब से ब्रांचवार या समूचे कॉलेज के लिए ग्रेडिंग जरूरी है। इसके बावजूद सरकार और तकनीकी शिक्षा विभाग को परवाह नहीं है। इसके अलावा ज्यादातर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर भी नहीं हैं। अधिकांश कॉलेज में रीडर और लेक्चरर ही विद्यार्थियों को इंजीनियर बना रहे हैं।
निरीक्षण के बाद मिलेगी ग्रेडिंग
नैब की टीम शैक्षिक कामकाज, प्रयोगशाला, मूलभूत संसाधनों, विद्यार्थियों से बातचीत कर पियर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद कॉलेज को ग्रेडिंग प्रदान की जाएगी। नहीं मिलेगा अनुदान
केंद्रीय परियोजना परामर्शदाता (टेक्यूप-तृतीय) प्रो. प्रकाश मोहनराव खोडक़े ने बताया कि टेक्यूप से देश में 10 IIT, 7 IIM, 30 NIT, 7 IIIT और कई इंजीनियरिंग कॉलेज, विश्वविद्यालय जुड़े हैं। सभी संस्थाओं को शैक्षिक गुणवत्ता और उन्नयन के लिए धीरे-धीरे स्वायत्तशासी बनना पड़ेगा। इसके बगैर संस्थाओं को अनुदान नहीं मिलेगा। 2020 तक स्वायत्तशासी दर्जा हासिल करने वालों को बजट में प्राथमिकता मिलेगी।
नैब की टीम शैक्षिक कामकाज, प्रयोगशाला, मूलभूत संसाधनों, विद्यार्थियों से बातचीत कर पियर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद कॉलेज को ग्रेडिंग प्रदान की जाएगी। नहीं मिलेगा अनुदान
केंद्रीय परियोजना परामर्शदाता (टेक्यूप-तृतीय) प्रो. प्रकाश मोहनराव खोडक़े ने बताया कि टेक्यूप से देश में 10 IIT, 7 IIM, 30 NIT, 7 IIIT और कई इंजीनियरिंग कॉलेज, विश्वविद्यालय जुड़े हैं। सभी संस्थाओं को शैक्षिक गुणवत्ता और उन्नयन के लिए धीरे-धीरे स्वायत्तशासी बनना पड़ेगा। इसके बगैर संस्थाओं को अनुदान नहीं मिलेगा। 2020 तक स्वायत्तशासी दर्जा हासिल करने वालों को बजट में प्राथमिकता मिलेगी।