देश की सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में अब चार साल का ग्रेजुएशन कोर्स होगा जिन यूनिवर्सिटी में यह कोर्स होगा, उनमें दिल्ली विश्वविद्याल, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय, असम यूनिवर्सिटी, तेजपुर यूनिवर्सिटी, जम्मू केंद्रीय यूनिवर्सिटी, सिक्किम यूनिवर्सिटी, नेशनल संस्कृत यूनिवर्सिटी, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी शामिल हैं। इस सूची में श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत यूनिवर्सिटी, इंग्लिश एवं फॉरेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी, महात्मा गांधी इंटरनेशनल हिन्दी यूनिवर्सिटी, राजीव गांधी यूनिवर्सिटी व हरियाणा, दक्षिण बिहार और तमिलनाडू स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटीज भी शामिल हो गई हैं।
इन्होंने भी चुना चार साल का कोर्स
सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के अलावा देश की 40 डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी, 18 प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 22 राज्य यूनिवर्सिटीज ने 4 साल का ग्रेजुएशन कोर्स चुना है। हालांकि इस साल विश्वविद्यालयों को यह तय करना है कि वे चार साल का कोर्स शुरू करेंगे या नहीं, क्योंकि यूजीसी ने फिलहाल इसे कंपलसरी नहीं किया है।
यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार के मुताबिक वर्तमान क्रेडिट फ्रेमवर्क में च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम (CBCS) के अंतर्गत स्टूडेंट्स को कई विषयों में से अपनी पसंद का चयन करने की सुविधा मिलती है, लेकिन इसमें बहु या अंतर विषयक संयोजन का अभाव दिख रहा है। ऐसे में सीबीसीएस में संशोधन करने की कोशिशों के तहत आयोग ने चार साल के ग्रेजुएशन कोर्सों के सिलेबस ढांचा और क्रेडिट सिस्टम डेवलप किया है, जिसमें नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की अहम सिफारिशों को ध्यान में रखा गया है।
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फायदेमंद है नई शिक्षा नीति
विशेषज्ञों कहते हैं कि ब्रिटिश काल के मैकाले की शिक्षा नीति को बदलते हुए नए भारत की शिक्षा नीति ने स्टूडेंट्स के लिए कई रास्ते खोल दिए हैं। 4 साल के ग्रेजुएशन कोर्स करने से ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स या बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को मुख्य धारा में वापसी का मौका मिल जाएगा। नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने के साथ ही पीएचडी का सपना देखने वाले ग्रेजुएट्स को मास्टर्स कोर्स करने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। जो छात्र चार साल का स्नातक कोर्स करेंगे, वे डायरेक्ट पीएचडी (Ph.D. After 4 Year Graduation) कर सकते हैं।
एक नजर
नए सिस्टम में एक साल या दो सेमेस्टर की पढ़ाई पूरा करने वालों को चुनी गई फील्ड में सर्टिफिकेट मिल जाएगा। जबकि दो साल या चार सेमेस्टर करने वाले छात्रों को डिप्लोमा मिलेगा। वीहं तीन साल या 6 सेमेस्टर पूरा करने के बाद बैचलर डिग्री मिल जाएगी। इसके बाद चार साल या आठ सेमेस्टर पूरा करने पर स्टूडेंट्स को ऑनर्स की डिग्री दी जाएगी। चौथे साल के बाद जिन स्टूडेंट्स ने पहले 6 सेमेस्टर में 75 प्रतिशत या अधिक अंक हासिल किए हैं, वे रिसर्च स्ट्रीम में जा सकते हैं।
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