12वीं की परीक्षा पर आज फैसला आने की उम्मीद इसलिए भी थी कि 31 मई को केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि 12वीं परीक्षा के मुद्दे पर अहम फैसला लेने के लिए हमें दो दिन का समय चाहिए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बारहवीं की परीक्षा रद्द करने के मुद्दे पर सुनवाई 3 जून 2021 तक के लिए टालने का फैसला लिया था।
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दो चरणों में हो सकती है 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं इस बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार सीबीएसई ( CBSE ) 12वीं परीक्षा के छोटे संस्करण के आयोजन को लेकर मिले प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इस योजना के तहत 12वीं की परीक्षा केवल 19 प्रमुख विषयों में आयोजित की जाएगी। छात्रों को अपने स्कूलों में परीक्षा देने की अनुमति होगी। सामान्य तीन घंटे लंबे प्रश्नपत्रों की जगह बहुविकल्पीय और लघु उत्तरीय प्रश्नों के साथ 90 मिनट तक के छोटे प्रश्न पत्र का उपयोग किया जाएगा। परीक्षा दो चरणों में हो सकती है। ताकि COVID-19 से प्रभावित क्षेत्रों के छात्र भी परीक्षा में शामिल हो सकें। इससे पहले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( Central Board of Secondary Education ) की ओर से 12वीं कक्षा की परीक्षा के लिए प्रस्तावित प्रश्न पत्र के छोटे संस्करण वाले विकल्प का अधिकांश राज्य सरकारों ने भी समर्थन किया था। हालांकि कुछ ने नियमित तीन घंटे की परीक्षा को प्राथमिकता दी। दिल्ली और महाराष्ट्र दोनों ने राय व्यक्त की कि परीक्षा तब तक नहीं होनी चाहिए जब तक कि छात्रों और शिक्षकों का टीकाकरण नहीं हो जाता। इन राज्यों का कहना था कि परीक्षा आयोजित करने के बदले इंटरनल असेसमेंट के आधार पर ग्रेडिंग की जाए। छात्रों और अभिभावकों के एक बड़े वर्ग ने यह भी मांग की है कि स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को देखते हुए परीक्षा रद्द कर दी जाए।
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