कैंपेन को मिला भारी समर्थन दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से चलाई गई मुहिम में पेरेंट्स को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था। ताकि वो भी सरकार और सिस्टम तक अपनी आवाज पंहुचा सकें। इसमें कुछ ही घंटों में लगभग 3000 पेरेंट्स ने गूगल फॉर्म भरकर विरोध प्रकट किया है। इस गूगल फॉर्म/सिग्नेचर कैम्पेन की मुहिम के अंतर्गत लगभग 3000 पेरेंट्स ने हिस्सा लिय।
शिक्षा विभाग छात्र हितों के खिलाफ डीपीए की प्रेसीडेंट अपराजिता गौतम ने बताया कि अब तक मिले फॉर्म से पता चलता है कि 90% पेरेंट्स ये मानते हैं कि दिल्ली शिक्षा विभाग द्वारा और केजरीवाल की सरकार ने पेरेंट्स के पक्ष को दिल्ली हाईकोर्ट में ठोस दलीलों के साथ अच्छे से नहीं रखा। परिणामस्वरूप आज पेरेंट्स के ऊपर स्कूलों को उन मदों में भी फीस की भरपाई करनी पड़ रही है जिसकी सुविधाएं स्कूल द्वारा इस कोरोना काल में नहीं दी गईं। दिल्ली के 98 फीसदी पेरेंट्स ये मानते हैं कि दिल्ली शिक्षा विभाग द्वारा जारी 1 जुलाई 2021 का ऑर्डर जिसके तहत आज पेरेंट्स को 15% की कटौती के साथ पिछले साल 2020-21 की ट्यूशन फीस के अतिरिक्त एनुअल और डेवलेपमेंट फीस जमा करवानी है। पूर्णतया पेरेंट्स और बच्चों की अधिकारों के विरुद्ध हैं।
दिल्ली पेरेंट्स ऐसोसिएशन (DPA)का दावा है कि दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले 98% पेरेंट्स आज दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा जारी 1 जुलाई 2021 के आर्डर के पूर्णतया विरोध में हैं. दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले सभी पेरेंट्स की ओर से अनुरोध करते हैं कि कृपया दिल्ली के पेरेंट्स की आवाज़ और उनका पक्ष भी सुने और पेरेंट्स व बच्चों पर आर्थिक रूप से लगातार हो रहे अत्याचारों से मुक्ति दिलवाएं।