दरअसल, प्रभुलक्ष्मीकांत लोकरे का नाम चपरासी भर्ती परीक्षा (Chaprasi Bharti Exam 2024) की फाइनल मेरिट लिस्ट में आया था। चपरासी की नौकरी पाने के बाद उनकी पोस्टिंग यादगीर में जिला और सत्र न्यायालय में हो गई। इससे पहले वे कोप्पल कोर्ट में सफाईकर्मी के रूप में कार्यरत थे।
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जज की शिकायत पर शुरू हुई मामले की जांच (Chaprasi Bharti)
यहां तक तो सब ठीक चल रहा था। लेकिन लोकरे की इस उपलब्धि ने कोप्पल कोर्ट के जज का ध्यान अपनी ओर खींचा। जज के मन में संदेह पैदा हुआ क्योंकि उन्हें (लोकरे) कन्नड़ भाषा में लिखना और पढ़ना तक नहीं आता। जज की इस निजी शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू हो गई है। वहीं अब कोर्ट ने प्रभुलक्ष्मीकांत के शैक्षणिक दस्तावेजों की वेरिफिकेशन करने के आदेश दिए हैं। यह भी पढ़ें