टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, मुंबई के सहायक प्रोफेसर हरिहरन नारायणन ने एक नया मशीन लर्निंग एल्गोरिदम बनाने पर काम कर रहे हैं जो ऑब्जर्वेशन के जरिये सीख कर और गणितीय वस्तुओं के आधार पर कई पूर्वानुमानों और लाई ग्रुप की सटीक भविष्यवाणी कर सकता है। यह कुछ स्रोतों से उत्पन्न होने वाले डेटा के बेहतर नमूने की बनावट को जन्म दे सकता है, जैसे कि विजुअल ऑब्जर्वेशन। उल्लेखनीय है कि उन्हें भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्वर्णजयंती फैलोशिप भी मिल चुकी है।
बदल जाएगी कम्प्यूटर्स की दुनिया, चुटकी बजाते हल होगी बड़ी से बड़ी केल्कुलेशन परमानेंट हो सकता है वर्क फ्रॉम होम, कर्मचारी और कंपनियों को मिलेंगे ये फायदे मशीन लर्निंग को मोटे तौर पर एक अध्ययन का विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिसका लक्ष्य कंप्यूटर को भविष्य के अवलोकनों के बारे में डेटा के जरिये अनुमान लगाने की क्षमता को सुधारने में मदद करेगा जो सटीक भविष्यवाणी करने में सक्षम बनाएगा। मशीन लर्निंग सीखने में दो मुख्य विषय के बारे में सीखना काफी महत्वपूर्ण है। पहला बहुत कम अवलोकनों से निष्कर्ष निकालना। दूसरा जटिल डेटा के साथ काम करना जिसकी जानकारी हाल के एप्लीकेशन, क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोप्रोप और वर्ल्ड वाइड वेब जैसी इमेजिंग के माध्यम से सामने आया है।
इन दोनों मुद्दो को मैनिफ़ेस्ट्स और लाई ग्रुप का उपयोग कर बेहतर तरीके से जाना जा सकता है जो एक एल्गोरिदम को जन्म दे सकता है जो वास्तविक जीवन के बारे में सही भविष्यवाणी करने में सक्षम होगा।