अब सवाल ये है कि इस सोने के मिलने के बाद भारत की स्थिति क्या होगी? क्या भारत को भविष्य में गोल्ड इंपोर्ट करने की जरुरत होगी? सोने के दाम देश में कितने हो जाएंगे? यह तमाम सवाल खड़े हो गए हैं। आइए पहले इस पूरी घटना के बारे में आपको बताते हैं, उसके बाद इन तमाम सवालों के जवाब तलाशने का काम करते हैं।
सोनभद्र में मिला है करीब 3600 टन सोना
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में लगभग 3,600 टन सोना मिला है। जिला खनन अधिकारी केके राय के अनुसार सोन पहाड़ी और हरदी क्षेत्र में स्वर्ण भंडार मिले हैं। सोने के भंडार का पता लगाने का काम बीते 20 सालो से चल रहा था।
सोन पहाड़ी में 2943.26 टन और हरदी ब्लॉक में 646.16 टन सोना मिला है। वहीं इन इलाकों से दूसरे बहुमूल्य खनिज पदार्थ भी मिले हैं। इस पूरे सोने की कीमत करीब 12 लाख करोड़ रुपए बताई जा रही है। अधिकारियों की मानें तो यहां पर और सोना मिलने की उम्मीद है। जिसके अभी और जांज कराई जाएगी।
सरकार के पास जाएगा सारा सोना
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार यह सारा सोना सरकार के पास जाएगा। आरबीआई के पास नहीं है। यह बात अलग है कि आरबीआई के पास जितना गोल्ड रिजर्व है, उसका पांच गुना ज्यादा सोना यहां से मिला है। लेकिन इसका मतलब बिल्कुल नहीं कि यह पूरा सोना आरबीआई के पास ही जाएगा।
वास्तव में आरबीआई एक स्वतंत्र संस्था है। जिसके पास अपना खुद का सोना है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार 626 टन सोना है। दुनिया के तमाम केंद्रीय बैंकों की रैंकिंग के हिसाब से भारतीय रिजर्व बैंक का सोना रखने के मामले में 10 वां रैंक है। वहीं भारत सरकार के पास अपना अलग सोना होता है। जिसे सरकार इंपोर्ट करती है। रिपोर्ट के अनुसार भारत हर साल 700 से 800 टन सोना इंपोर्ट करता है।
क्या भारत को 5 साल तक सोना इंपोर्ट करने की जरुरत नहीं?
अब बात सवालों की करें जो हमने शुरुआत में खड़े किए थे। इस सोने के मिलने के बाद भारत कहां खड़ा है? अब भारत सरकार को क्या करना चाहिए? जैसा कि हमने आपको बताया कि देश हर साल 700 से 800 टन सोना सोना इंपोर्ट करता है।
सोने का इंपोर्ट भारत के लिए बड़ी समस्या होने के बाद भी दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर भी हैै। भारत सरकार इंपोर्ट कम करने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी भी बढ़ाई हैं। इंटरनेशनल मार्केट में सोने की डिमांड की वजह से दाम भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में जब भारत के पास इतना सोना आ गया है तो भारत का पांच सालों तक इंपोर्ट करने की जरुरत ही नहीं होगी।
यह भी पढ़ेंः- Corona Virus Impact : सोने ने बनाया नया रिकॉर्ड, विदेशों में 7 साल के उच्चतम स्तर पर
डिमांड कम होने से बढ़ जाएगा सोने पर दबाव
सवाल यह भी है कि दुनिया के सबसे बड़े इंपोर्टर में से एक भारत की ओर से गोल्ड की डिमांड कम होगी तो सोने की कीमतों में दबाव देखने को मिलेगा। जिसका असर कीमतों में देखने को मिलेगा। जानकारों की मानें तो सोने के दाम गिर जाएंगे। इसका असर वायदा और खुदरा दोनों तरह के बाजारों में देखने को मिलेगा। आपको बता दें कि मौजूदा समय में सोने का भारतीय वायदा भाव अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। वहीं खुदरा भाव भी 41 हजार के पार कारोबार कर रहा है।