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अरुण जेटली ने महज एक बार लड़ा लोकसभा चुनाव, फिर भी फेवरेट होने के पीछे ये 10 वजह

locationनई दिल्लीPublished: Aug 24, 2019 02:16:39 pm

Submitted by:

Soma Roy

Arun Jaitley Death : साल 2014 में अमृतसर से अरुण जेटली ने लड़ा था लोकसभा चुनाव
कांग्रेस प्रत्याशी अमरिंदर से मिली थी हार

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नई दिल्ली। बीजेपी के कद्दावर नेता रहे अरुण जेटली का आज निधन हो गया है। वे लंबे समय से टिशू कैंसर से पीड़ित थे। उनका दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा था। राजनीति की दुनिया में जेटली का नाम शान से लिया जाता है। क्योंकि उन्होंने मोदी को हीरो बनाने से लेकर बीजेपी की डूबती नैय्या को पार लगाने में अहम भूमिका निभाई है। आज हम आपको अरुण जेटली के राजनीतिक सफर से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताएंगे।
1.बीजेपी नेता अरुण जेटली वैसे तो एक कामयाब नेता रहे हैं। मगर क्या आपको पता है उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक करियर में महज एक बार ही लोकसभा चुनाव लड़ा है। वे साल 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए अमृतसर से खड़े हुए थे।
2.साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी की लहर थी। इसके बावजूद अरुण जेटली को हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी अमरिंदर सिंह ने एक लाख से ज्यादा मतों से हराया था।
3.लोकसभा चुनाव में मिली हार के बावजूद बीजेपी में अरुण जेटली का कद नहीं घटा। बल्कि मोदी सरकार ने उन्हें 26 मई 2014 को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी।

4.बीजेपी ने अरुण जेटली पर अपना भरोसा आगे भी बनाए रखा। तभी वे मार्च 2018 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा पहुंचे। इसके पहले वे गुजरात से राज्यसभा सांसद बन चुके हैं।
5.अरुण जेटली को जोड़ी मेकर के तौर पर देखा जाता रहा है। तभी पार्टी में उनकी हैसियत लगातार बढ़ती रही है। उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर महिला आरक्षण बिल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा जन लोकपाल बिल में समाज सेवी अन्ना हजारे का भी समर्थन किया। इससे पार्टी को अन्ना समर्थकों का भी साथ मिला।
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6.अरुण जेटली, नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीबी रहे हैं। उससे पहले वे अटल बिहार वाजपेयी व लालकृष्ण आडवाणी की जोड़ी के भी पसंदीदा राजनेताओं में शामिल रहे हैं।

7.मोदी को हीरो बनाने के अरुण जेटली ने गुजरात चुनाव में उनकी खूब मदद की थी। जेटली ने साल 2005 में हुए चुनाव के दौरान नीतिश सरकार को बीजेपी के साथ जोड़ने में अहम भूमिका निभाई थी।
9.गुजरात दंगों के अलावा इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल के दौरान भी अरुण जेटली ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।

10.अरुण जेटली ने मोदी और शाह की जोड़ी बनाकर पार्टी को एक नई बुलंदी पर पहुंचाने में मदद की है। वे अक्सर पार्टी की महत्वपूर्ण योजनाओं को अमल में लाने के लिए अपनी सलाह दिया करते थे।
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